त्रिदिवसीय प्रशिक्षण में 160 सहायक अध्यापकों ने सीखे दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के नए मंत्र
प्रयागराज। दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को और प्रभावी बनाने तथा शिक्षकों की क्षमता वृद्धि के उद्देश्य से प्रयागराज में त्रिदिवसीय इन-सर्विस ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 10 से 12 सितम्बर 2025 तक सरस केन्द्र, विकास भवन परिसर प्रयागराज में सम्पन्न हुआ, जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े 160 सहायक अध्यापक शामिल हुए।
इस विशेष प्रशिक्षण में अध्यापकों को समेकित शिक्षा, ब्रेल लिपि, नई शिक्षा नीति और RPwd Act-2016 जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षक की भूमिका सबसे अहम है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ 10 सितम्बर को हुआ। इस मौके पर उप निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, प्रयागराज मंडल अभय कुमार श्रीवास्तव और जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी अशोक कुमार गौतम उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा केवल अध्यापन तक सीमित नहीं है बल्कि यह उनके सामाजिक पुनर्वास और जीवन स्तर में सुधार से भी जुड़ी है। समेकित शिक्षा के जरिये बच्चों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाना ही इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है।
ब्रेल लिपि और समावेशी शिक्षा पर जोर
विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण के दौरान ब्रेल लिपि के महत्व को विस्तार से समझाया। शिक्षकों को व्यावहारिक तरीके से बताया गया कि कैसे वे दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ाई में सक्षम बना सकते हैं।
साथ ही नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को लागू करने की रणनीति पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने कहा कि नीति में समावेशी शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है और शिक्षकों को इसे विद्यालय स्तर पर सफलतापूर्वक लागू करना होगा।
RPwd Act-2016 की जानकारी
प्रशिक्षण में RPwd Act-2016 (Rights of Persons with Disabilities Act) की धाराओं और प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला गया। इस कानून के तहत दिव्यांगजनों को शिक्षा, रोजगार और सामाजिक जीवन में समान अवसर प्रदान करने की गारंटी दी गई है। अध्यापकों को बताया गया कि वे इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन में सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
समापन समारोह
12 सितम्बर को कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला विकास अधिकारी प्रयागराज ने प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले सहायक अध्यापकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।
समापन सत्र में उप निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, नारायण यादव (सहायक अध्यापक, राजकीय प्रयास विद्यालय प्रतापगढ़), डा. सुषमा सिंह, लवलेश सिंह समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि ने कहा कि यह प्रशिक्षण केवल जानकारी देने के लिए नहीं बल्कि व्यवहारिक बदलाव लाने के लिए आयोजित किया गया है। अध्यापकों से अपेक्षा है कि वे सीखी गई तकनीकों और तरीकों को अपने विद्यालयों में लागू करेंगे, जिससे दिव्यांग बच्चों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन आएगा।
अधिकारियों का संदेश
जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी अशोक कुमार गौतम ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से अध्यापक अधिक संवेदनशील और जागरूक बनते हैं। वे न केवल दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देंगे बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी मदद करेंगे।
प्रयागराज में आयोजित यह त्रिदिवसीय इन-सर्विस ट्रेनिंग कार्यक्रम शिक्षकों के लिए एक नया अनुभव साबित हुआ। प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान का उपयोग कर अध्यापक विद्यालय स्तर पर दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा को आसान और प्रभावी बना सकेंगे। इससे न केवल बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि समाज में समावेशी शिक्षा की दिशा में ठोस कदम भी आगे बढ़ेंगे।
चीफ एडिटर-राकेश दिवाकर
9454139866,9648518828
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