‘नए आपराधिक कानूनों के प्रचार-प्रसार’ का पुलिस ने चलाया अभियान, नागरिकों व विद्यार्थियों को किया जागरूक
कौशाम्बी। उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जनपद कौशाम्बी में 30 अक्टूबर से 1 नवम्बर तक “नए आपराधिक कानूनों के प्रति जनजागरूकता अभियान 2.0” चलाया जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी राजेश कुमार के नेतृत्व में जिलेभर में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसका उद्देश्य आम नागरिकों, विद्यार्थियों एवं पुलिस कर्मियों को 1 जुलाई 2024 से लागू हुए तीन नए कानूनों—भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)—की जानकारी देना रहा।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित दुर्गा भवानी सभागार में आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता एसपी राजेश कुमार ने की, जबकि कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक अभियोजन मोहन यादव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने पुलिस कर्मियों को नए कानूनों के विस्तृत प्रावधानों की जानकारी दी और बताया कि यह कानून पुराने आपराधिक कानूनों — भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम — के स्थान पर लागू किए गए हैं।
मुख्य वक्ता ने कहा कि नए कानूनों में न्याय व्यवस्था को और अधिक व्यावहारिक, पारदर्शी और पीड़ित केंद्रित बनाया गया है। जहां पहले दंड व्यवस्था पर जोर था, वहीं अब न्याय व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने नए कानूनों की प्रमुख विशेषताओं जैसे अपराध की रिपोर्टिंग की सरल प्रक्रिया, डिजिटल साक्ष्य की मान्यता और महिला-सुरक्षा से संबंधित विशेष प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों ने भाग लिया। कार्यशाला के माध्यम से उपस्थित लोगों को नए आपराधिक कानूनों की महत्ता और उपयोगिता से अवगत कराया गया तथा समाज के प्रत्येक वर्ग से इन कानूनों को समझने और अपनाने की अपील की गई।
रिपोर्ट- विपिन दिवाकर/दीपू दिवाकर
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