सोलर पंप से बदल रही किसानों के खेती की तस्वीर
प्रयागराज। ग्रामीण भारत में सौर ऊर्जा आधारित सोलर पंप किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। बिजली की अनियमित आपूर्ति और डीजल की बढ़ती कीमतों से जूझ रहे किसानों को अब राहत मिल रही है। जनपद प्रयागराज के विकास खंड भगवतपुर के ग्राम बिहका उर्फ पुरामुफ्ती की महिला किसान श्रीमती सुशीला देवी इसकी सशक्त मिसाल हैं, जिनकी खेती सोलर पंप लगने के बाद नई दिशा में आगे बढ़ी है।
श्रीमती सुशीला देवी के पास एक एकड़ कृषि भूमि है। पहले सिंचाई के लिए डीजल पंपसेट पर निर्भरता थी, जिससे खेती की लागत लगातार बढ़ रही थी। समय पर सिंचाई न हो पाने से फसलों पर भी प्रतिकूल असर पड़ता था। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम योजना) के अंतर्गत 5 एचपी का सोलर पंप लगवाया।
इस सोलर पंप की कुल लागत 3 लाख 27 हजार 498 रुपये थी, जिस पर उन्हें 1 लाख 96 हजार 499 रुपये का अनुदान मिला। मात्र 1 लाख 30 हजार 999 रुपये की निजी हिस्सेदारी से सोलर पंप स्थापित हो गया। इसके बाद उनकी खेती की तस्वीर ही बदल गई। अब खेतों की सिंचाई समय पर होने लगी और डीजल व बिजली के खर्च से पूरी तरह मुक्ति मिल गई। इससे सालाना करीब 25 हजार रुपये की सीधी बचत होने लगी।
पर्याप्त पानी उपलब्ध होने से उन्होंने सब्जियों की खेती भी शुरू की, जिससे उनकी आमदनी दोगुनी हो गई। उनकी सफलता को देखकर गांव के अन्य किसानों ने भी सोलर पंप अपनाने में रुचि दिखाई। यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ा रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभा रही है। पीएम-कुसुम योजना किसानों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हो रही है।
चीफ एडिटर- राकेश दिवाकर 9648518828
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