महिला आईपीएस को कुचलने की कोशिश करने वाले तीनों पुलिसकर्मियों को 10,10 साल की सजा
बरेली की एंटी करप्शन कोर्ट ने महिला आईपीएस अधिकारी कल्पना सक्सेना को कुचलने की कोशिश करने वाले तीन पुलिसकर्मियों और एक गुंडे को 10 साल की सजा सुनाई है। यह मामला 14 साल पुराना है, जब 2010 में बरेली में तैनात तत्कालीन ट्रैफिक एसपी कल्पना सक्सेना ने हाईवे पर अवैध वसूली रोकने का प्रयास किया था। 2 सितंबर 2010 को कल्पना सक्सेना को सूचना मिली थी कि दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर ट्रकों से अवैध वसूली की जा रही है। मौके पर पहुंचकर उन्होंने देखा कि तीन पुलिसकर्मी – सिपाही रविंद्र, मनोज और एक स्थानीय गुंडा धर्मेंद्र, ट्रक चालकों से जबरन पैसे वसूल रहे थे।जब आईपीएस कल्पना ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उन्हें कार से कुचलने का प्रयास किया और करीब 200 मीटर तक घसीटते ले गए। इस दौरान उनके सिर पर वार भी किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई। किसी तरह बचने के बाद कल्पना सक्सेना को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां लंबे इलाज के बाद ठीक होने पर उन्होंने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। कोर्ट से 14 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद, अदालत ने तीनों पुलिसकर्मियों और एक गुंडे को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई। कोर्ट में 14 गवाहों और 22 सबूतों के आधार पर फैसला सुनाया गया।
कल्पना सक्सेना का सफर
घटना के समय कल्पना सक्सेना की यह पहली पोस्टिंग थी। अपनी कर्तव्यनिष्ठा और बहादुरी के चलते वे लगातार प्रमोट होती रहीं और वर्तमान में गाजियाबाद में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ADCP) के पद पर तैनात हैं। उन्हें पुलिस सेवा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
Chief editor
Rakesh Diwakar
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