नेवादा ब्लॉक में सूक्ष्म उद्यम सखी चयन हेतु लिखित परीक्षा सम्पन्न, 48 एसएचजी सदस्यों ने लिया भाग
कौशांबी, 03 जुलाई 2025 उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के अंतर्गत तहसील चायल के विकास खंड नेवादा में गुरुवार को सूक्ष्म उद्यम सखी के चयन हेतु लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया। यह परीक्षा ग्रामीण महिलाओं को गैर कृषि आधारित स्वरोजगार से जोड़ने और उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
परीक्षा का आयोजन खंड विकास अधिकारी संजय कुमार गुप्ता एवं एडीओ (आईएसबी) श्री दिलीप कुमार पांडेय के नेतृत्व में संपन्न हुआ। परीक्षा में कुल 48 स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं ने प्रतिभाग किया, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हैं।
परीक्षा के संचालन में मिशन से जुड़े कई प्रमुख पदाधिकारी सक्रिय रूप से शामिल रहे। इस अवसर पर बीएमएम विश्वनाथ केशरवानी एवं जयप्रकाश सिंह, सीएलएफ (CLF) की पदाधिकारी कविता, शकुंतला, सुनीता पाल और आरती देवी ने परीक्षा के सफल संचालन में सहयोग प्रदान किया।
क्या है सूक्ष्म उद्यम सखी योजना?
इस योजना के तहत चुनी गई “सूक्ष्म उद्यम सखियाँ” गांव-गांव जाकर महिलाओं को स्वरोजगार, उद्यमिता एवं वित्तीय साक्षरता की जानकारी देंगी। साथ ही, उन्हें छोटे व्यवसाय स्थापित करने, प्रशिक्षण प्राप्त करने, ऋण सुविधा प्राप्त करने और विपणन के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान करेंगी। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे गैर कृषि उद्यमों की स्थापना को बढ़ावा देना है।
परीक्षा का मुख्य उद्देश्य योग्य एवं उत्साही महिलाओं का चयन करना था जो समुदाय स्तर पर आर्थिक बदलाव की प्रतिनिधि बन सकें। परीक्षा में महिलाओं की समझ, व्यवसायिक सोच, लेखन क्षमता और सामाजिक नेतृत्व की क्षमता को परखा गया। चयनित सूक्ष्म उद्यम सखियों को भविष्य में मिशन के अंतर्गत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपने क्षेत्र में प्रभावी भूमिका निभा सकें।
खंड विकास अधिकारी संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि, “सूक्ष्म उद्यम सखी योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। इससे महिलाओं को न केवल स्वरोजगार मिलेगा बल्कि वे अपने समुदाय की दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बनेंगी।”
स्थानीय सहभागिता और उत्साह
परीक्षा में भाग लेने वाली अधिकांश प्रतिभागी महिलाओं ने मिशन की इस पहल की सराहना की और इसे अपने भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। कुछ प्रतिभागियों ने कहा कि इससे उन्हें पहली बार जीवन में अपने लिए कुछ अलग करने का मौका मिला है।
विकास खंड नेवादा में आयोजित यह परीक्षा न केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया थी, बल्कि यह ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की ओर एक ठोस और उम्मीद भरा कदम भी था। आने वाले समय में सूक्ष्म उद्यम सखियों की भूमिका ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला नेतृत्व को मजबूती देने में अहम साबित होगी।
ब्यूरो - राकेश दिवाकर
9648518828
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