शिविर लगाकर किसानों को मुफ्त बीज मिनीकिट और मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित, सीडीओ ने आधुनिक खेती के लिए किया प्रेरित
कौशांबी- किसानों की आय बढ़ाने, उन्नत खेती को प्रोत्साहित करने और पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर आधुनिक व मिश्रित कृषि अपनाने को लेकर मुख्य विकास अधिकारी विनोद राम त्रिपाठी के नेतृत्व में शुक्रवार को किसान कल्याण केंद्र, मंझनपुर में एक विशेष वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान किसानों को निःशुल्क बीज मिनीकिट और मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। कार्यक्रम का आयोजन कृषि विभाग द्वारा किया गया, जिसमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, दलहन-तिलहन योजनांतर्गत अरहर व तिल बीज मिनीकिट तथा श्री अन्न योजना के तहत मोटे अनाज जैसे बाजरा, कोदो, सावां और रागी के बीज किसानों को वितरित किए गए।
विकासखंड मंझनपुर के कई किसानों को उनके खेत की जरूरत के अनुसार बीज वितरित किए गए। किसान बासदेव, महंत लाल और राजकुमार को अरहर बीज, मोहम्मद खैरात हुसैन, चंद्रिका प्रसाद और भैरव प्रसाद को बाजरा बीज, रामसुचित और अखिलेश को सावां बीज तथा रामभजन और दखिनी प्रसाद को तिल बीज के मिनीकिट मिले। वहीं, जिन किसानों ने अपने खेत की मिट्टी की जांच कराई थी, उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए गए, जिनमें प्रमुख रूप से अयोध्या प्रसाद, रामसुचित और सरोज कुमार का नाम शामिल है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी विनोद राम त्रिपाठी ने कहा कि किसान बिना वैज्ञानिक जांच के उर्वरकों का अनियंत्रित उपयोग कर रहे हैं जिससे न केवल मिट्टी की सेहत बिगड़ रही है, बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता भी घट रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दर्शाए गए पोषण स्तर के अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग करें और अधिक से अधिक जैविक व जैव उर्वरक को अपनाएं, ताकि उनकी फसलें पोषक भी हों और मृदा लंबे समय तक उपजाऊ बनी रहे।
सीडीओ ने किसानों को यह भी सुझाव दिया कि वे पारंपरिक खेती के साथ पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, फल व फूलों की खेती (उद्यानिकी) को भी अपनाएं, जिससे एक ही खेत से कई स्रोतों से आमदनी प्राप्त की जा सके। उन्होंने इसे ‘आत्मनिर्भर किसान मॉडल’ बताते हुए कहा कि इससे न केवल किसान परिवारों की आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी।
मुख्य विकास अधिकारी ने कृषि विभाग और संबंधित अन्य विभागों को निर्देशित किया कि किसानों को उन्नत बीज, उर्वरक, सिंचाई सुविधाएं, आधुनिक उपकरण और केंद्र व राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ पूरी पारदर्शिता और समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराया जाए। वहीं उन्होंने कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि किसी भी किसान को जानकारी के अभाव में योजनाओं से वंचित न रहना पड़े।
इस मौके पर कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक सतेंद्र कुमार तिवारी, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख अजय सिंह, जिला कृषि अधिकारी, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी मंझनपुर सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। किसानों ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के शिविर उन्हें नई तकनीकों से जुड़ने, बेहतर बीज व जानकारी प्राप्त करने और खेती में बदलाव लाने का अवसर प्रदान करते हैं। कार्यक्रम के अंत में सीडीओ ने उपस्थित किसानों को खेत की मिट्टी की नियमित जांच कराने और वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने का संकल्प दिलाया।
ब्यूरो- राकेश दिवाकर
9648518828
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