नारायण स्वरुप हॉस्पिटल की टीम ने बचाई बुजुर्ग महिला की जान, खाना खाने के दौरान नली में फंसा था नकली दांत
प्रयागराज। नारायण स्वरुप हॉस्पिटल की डॉक्टरों की टीम ने तत्परता और प्रोफेशनल दक्षता दिखाते हुए 60 वर्षीय महिला की जान बचा ली। परिजनों का कहना है कि वे तो उम्मीद ही छोड़ चुके थे, लेकिन हॉस्पिटल की टीम ने चमत्कार कर दिखाया।
हादसे ने मचा दी परिवार में अफरा-तफरी
आपको बता दे जानसेनगंज निवासी पुष्पा देवी (पत्नी राजेश गुप्ता, उम्र 60 वर्ष) के प्राकृतिक दांत गिर चुके थे। इसके बाद उन्हें कृत्रिम दांत लगवाए गए थे। शुरू में दांत सामान्य रहे, लेकिन समय बीतने के साथ ढीले पड़ने लगे। बीते दिनों घर पर भोजन करते वक्त अचानक नकली दांत टूटकर उनकी खाने की नली (Esophagus) में फंस गया।
कुछ ही पलों में महिला को तेज़ दर्द, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी और गले में रुकावट जैसी दिक्कतें शुरू हो गईं। घर का माहौल गमगीन हो उठा। बेटा अमित गुप्ता ने बताया, “मां की हालत देखकर लगा कि अब कुछ नहीं हो पाएगा। उन्होंने अचानक सांस लेना बंद कर दिया था। घबराकर हम पहले नज़दीकी अस्पताल भागे, लेकिन वहां कोई समाधान नहीं मिला। तो हम तुरंत नारायण स्वरुप हॉस्पिटल ले गए।”
डॉक्टरों ने तुरंत संभाली स्थिति
हॉस्पिटल में पहुंचते ही डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच की। एक्स-रे और एंडोस्कोपी रिपोर्ट में पता चला कि दांत गहराई में जाकर खाने की नली में फंसा हुआ है। स्थिति बेहद गंभीर थी और थोड़ी भी देर होने पर सांस की नली बंद हो सकती थी।
वरिष्ठ एंडोस्कोपिस्ट डॉ. राजीव सिंह के नेतृत्व में तत्काल एक टीम गठित की गई। इसमें डॉ. आकाश शाह (डीएम गैस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट), डॉ. अवनीश तिवारी और शिवांशु शामिल रहे। टीम ने एंडोस्कोपिक प्रक्रिया शुरू की और लगभग एक घंटे की मेहनत के बाद सफलतापूर्वक दांत को बाहर निकाल लिया।
ऑपरेशन के बाद डॉ. राजीव सिंह ने कहा, “मरीज की स्थिति गंभीर थी, लेकिन टीम ने तुरंत कार्रवाई की। थोड़ी भी देर होती तो सांस की नली बंद हो जाती और मामला जानलेवा बन सकता था। हमने एंडोस्कोपी के जरिए सुरक्षित तरीके से दांत निकाला। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं और सामान्य भोजन कर पा रही हैं।”
परिजनों की आंखों में छलके आंसू
ऑपरेशन सफल होने की खबर सुनकर परिजन राहत की सांस लेते दिखे। पति राजेश गुप्ता ने भावुक होकर कहा, “जब सांस रुकने लगी तो हमें लगा अब इन्हें नहीं बचाया जा सकता। लेकिन यहां के डॉक्टरों ने चमत्कार कर दिया। हम इनके जीवन भर आभारी रहेंगे।”
बेटी ने कहा, “डॉक्टरों ने जिस तेजी से मम्मी को संभाला, वह अद्भुत है। हम सभी को लगा जैसे भगवान ने ही डॉक्टरों के रूप में हमें मदद भेजी।”
डॉक्टरों का संदेश
ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने जनता को भी जागरूक किया। डॉ. राजीव सिंह ने कहा, “नकली दांत या अन्य दंत उपकरण की फिटिंग की नियमित जांच बेहद जरूरी है। यदि दांत ढीले हों तो तुरंत दंत चिकित्सक को दिखाएं। ऐसी स्थिति में घरेलू उपाय अपनाना खतरनाक हो सकता है। सीधे बड़े हॉस्पिटल पहुंचें, क्योंकि समय पर इलाज ही जीवन बचाता है।”
नारायण स्वरुप हॉस्पिटल की टीम ने एक बार फिर यह साबित किया कि पेशेवर जिम्मेदारी और मानवता का मेल ही चिकित्सा सेवा का असली रूप है। इस सफल इलाज ने न सिर्फ एक महिला की जान बचाई बल्कि यह भी संदेश दिया कि संकट की घड़ी में घबराने के बजाय सही अस्पताल और विशेषज्ञ डॉक्टरों तक पहुंचना सबसे महत्वपूर्ण है।
आज पुष्पा देवी अपने परिवार के साथ घर लौट चुकी हैं और सामान्य जीवन जी रही हैं। परिजन उनकी मुस्कान देखकर गर्व से कहते हैं कि “नारायण स्वरुप हॉस्पिटल हमारे लिए वरदान साबित हुआ।”
वही जब इस बारे में डॉक्टर राजीव जी से बात की गई तो उन्होंने कहा सही समय पर सही इलाज से जान बचाई जा सकती है।
चीफ एडिटर-राकेश दिवाकर
9454139866,9648518828
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