भगवतपुर सीएचसी की लापरवाही उजागर: आधे से ज्यादा कर्मचारी नदारद, विभाग बंद मिले

भगवतपुर सीएचसी की लापरवाही उजागर: आधे से ज्यादा कर्मचारी नदारद, विभाग बंद मिले
जिलाधिकारी के के निर्देश पर औचक निरीक्षण में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुली, अनुपस्थित डॉक्टरों व स्टाफ पर गिरी गाज

भगवतपुर सीएचसी की बड़ी लापरवाही उजागर, आधे से ज्यादा कर्मचारी अनुपस्थित

जिलाधिकारी के निर्देश 22 स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण

प्रयागराज जनपद के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल उस समय खुल गई जब जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर शुक्रवार को सुबह सभी उपजिलाधिकारियों ने एक साथ सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई खामियां उजागर हुईं, जिनमें सबसे गंभीर स्थिति सरदार वल्लभभाई पटेल 100 बेड हॉस्पिटल, भगवतपुर की रही। यहां आधे से अधिक कर्मचारी ड्यूटी से नदारद मिले, जबकि कई महत्वपूर्ण विभाग बंद पाए गए।

भगवतपुर अस्पताल में हकीकत 26 में से 14 नियमित और 37 में से 19 संविदा कर्मचारी गायब

उपजिलाधिकारी सदर ने सुबह आठ बजे भगवतपुर स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। जांच में सामने आया कि अस्पताल में कुल 26 नियमित कर्मचारियों के सापेक्ष 14 कर्मचारी ड्यूटी से अनुपस्थित रहे। यही नहीं, संविदा पर तैनात 37 कर्मचारियों में से भी 19 लोग मौजूद नहीं थे। यानी लगभग आधे से ज्यादा स्टाफ ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

स्थिति यह रही कि दंतरोग विभाग, सर्जन कक्ष, नाक-कान-गला विभाग और नेत्र विभाग पूरी तरह से बंद मिले। अस्पताल में मरीज इलाज की आस में पहुंचे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। कुछ कर्मचारियों ने सफाई दी कि उनकी ड्यूटी सुबह 10 से शाम 5 बजे तक है, लेकिन निरीक्षण सुबह आठ बजे किया गया था। जिलाधिकारी ने इस तर्क को लापरवाही मानते हुए स्पष्ट कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

गंदगी, अनुपस्थिति और बदइंतजामी की मिली झलक

निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कई वार्डों में साफ-सफाई का अभाव है। मरीजों और उनके परिजनों को मूलभूत सुविधाओं का अभाव झेलना पड़ा। वार्डों में विभाग बंद मिलने और स्टाफ की कमी के चलते इलाज ठप होने से लोग काफी परेशान दिखे। जिलाधिकारी ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए अनुपस्थित सभी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने और उनसे स्पष्टीकरण मांगे जाने के आदेश दिए। वहीं स्थानीय लोगों की चर्चाओं पर जाए तो यही हाल प्रतिदिन का है। समय से डॉक्टर नहीं आते चाहे महिला हो या पुरुष अस्पताल जिस कारण मरीजों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है वही जब जिम्मेदारों से इस बात पर सवाल पूछा जाता है तो वह अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। कहने को तो 100 बेड का अस्पताल है। लेकिन जनता को इसका फायदा नहीं मिलता क्योंकि समय पर डॉक्टर नहीं पहुंचते हैं। वही एक कर्मचारी ने नाम न बताने के शर्त पर कहा ज्यादा तक डॉक्टर तो अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। और यह अस्पताल भगवान के भरोसे ही चल रही है।

प्रयागराज के अन्य केंद्रों की स्थिति भी चिंताजनक

केवल भगवतपुर ही नहीं, जिले के अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल भी बेहतर नहीं निकला।

सोरांव सीएचसी यहां अधीक्षक अनुपस्थित मिले, शौचालय गंदे थे और 10 में से केवल 4 डॉक्टर ही कार्यरत थे।

करछना सीएचसी औषधि भंडार कक्ष बंद मिला और 8 नर्सों में सिर्फ 2 उपस्थित थीं।

फूलपुर सीएचसी प्रभारी डॉ. नीरज सहित कई चिकित्सक गायब मिले।

माण्डा सीएचसी साफ-सफाई बेहद खराब थी और अधीक्षक अनुपस्थित पाए गए।

जसरा, होलागढ़, मऊआइमा और मेजा सीएचसी यहां भी साफ-सफाई और स्टाफ की अनुपस्थिति जैसी समस्याएं सामने आईं।

जिलाधिकारी की सख्त चेतावनी

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने स्पष्ट कहा कि अनुपस्थित मिले कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोका जाएगा। यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया तो विभागीय कार्रवाई की संस्तुति शासन को भेजी जाएगी। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि सभी कमियों को तुरंत दुरुस्त कराया जाए और मरीजों को मूलभूत सुविधाएं किसी भी हाल में उपलब्ध कराई जाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि आगे भी इसी तरह औचक निरीक्षण होते रहेंगे। समय से ड्यूटी न करने, लापरवाही बरतने या मरीजों को सेवा न देने वाले किसी भी चिकित्सक या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।

औचक निरीक्षण ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की सच्चाई उजागर कर दी है। खासकर भगवतपुर के सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल की स्थिति सबसे चिंताजनक रही, जहां आधे से अधिक कर्मचारी गायब और विभाग बंद मिले। मरीजों की जिंदगी से जुड़ी इस लापरवाही पर अब जिलाधिकारी ने सख्ती का रुख अपनाया है। आने वाले दिनों में देखने वाली बात होगी कि क्या स्वास्थ्य विभाग सच में सुधार लाता है या निरीक्षणों में मिली खामियां महज कागजों तक ही सीमित रह जाएंगी।

जिलाधिकारी का सख्त रुख 

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने निरीक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद कहा कि लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन चिकित्सकों और कर्मचारियों की अनुपस्थिति पाई गई है, उनका एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया गया है। उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और यदि जवाब संतोषजनक न हुआ तो विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा।

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि निरीक्षण में सामने आई सभी कमियों को तुरंत दुरुस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इसी तरह के औचक निरीक्षण लगातार होते रहेंगे ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार सुनिश्चित हो सके।

औचक निरीक्षण ने यह साफ कर दिया है कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं कागजों पर जितनी बेहतर दिखाई जाती हैं, जमीनी हकीकत उतनी ही बदतर है। खासकर भगवतपुर का सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल इस लापरवाही का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है। अब देखना यह होगा कि जिलाधिकारी की इस सख्ती से स्वास्थ्य विभाग में सुधार होता है या यह कार्यवाही भी महज औपचारिकता बनकर रह जाएगी।


चीफ एडिटर-राकेश दिवाकर (bharat tv gramin)
           9454139866,9648518828 

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