दिव्यांग दंपति बने मिसाल, गोद ली मासूम ज़िंदगी
केसचंद अपनी पत्नी के साथ
जनपद प्रयागराज भगवतपुर ब्लॉक के मदारीपुर गांव के रहने वाले दिव्यांग दंपति केस चंद और उनकी पत्नी ने। मासूम बच्ची को गोद लिया जिसके जज्बे को ग्रामीणों व रिश्तेदारों द्वारा खूब सराहा गया। आपको बता दे।
लगभग 45 वर्षीय केस चंद की शादी को दस वर्ष हो चुके हैं। पति-पत्नी दोनों ही दिव्यांग हैं। शादी के एक दशक बीत जाने के बाद भी संतान सुख न मिलने से अक्सर मन में उदासी छा जाती थी। मगर इस जोड़े ने किस्मत को कोसने के बजाय एक ऐसा फैसला लिया, जो पूरे समाज के लिए प्रेरणा की मिसाल बन गया।
इन दोनों ने तय किया कि जब भगवान ने उन्हें संतान सुख नहीं दिया तो क्यों न किसी मासूम को अपना लिया जाए। यह बच्ची न सिर्फ उनके जीवन की खुशी बनेगी बल्कि आने वाले समय में उनका सहारा भी बनेगी।
परिवार और रिश्तेदारों में खुशी
केस चंद का यह फैसला सुनकर उनका पूरा परिवार बेहद खुश नजर आया। माता-पिता और भाई ने खुले दिल से बच्ची को अपनाया और उसे अपने आंगन का हिस्सा मान लिया। रिश्तेदार भी इस कदम से गदगद हैं और इस दंपति की सराहना कर रहे हैं।
जन्माष्टमी पर दोगुनी खुशी
संयोग देखिए कि यह शुभ कार्य जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हुआ। मासूम बच्ची को गोद लेने की खुशी में केस चंद ने अपने घर में विशेष आयोजन भी कराया। घर में कथा, हनुमान चालीसा का पाठ हुआ और रिश्तेदारों के लिए दावत का इंतजाम किया गया। पूरा परिवार और गांव के लोग इस खुशी में शामिल हुए। हर कोई बच्ची को आशीर्वाद देने के लिए आगे बढ़ता नजर आया।
समाज के लिए मिसाल बने दिव्यांग दंपति
आज जब लोग संतान न होने पर टूट जाते हैं या मायूस होकर जीवन गुजारते हैं, वहीं इस दिव्यांग दंपति ने दिखा दिया कि इच्छाशक्ति और ममता से बड़ा कोई बंधन नहीं होता। समाज में ऐसी पहल न सिर्फ नज़ीर पेश करती है बल्कि यह संदेश भी देती है कि हर बच्चा एक नया उजाला है, चाहे वह किसी की कोख से आया हो या किसी के दिल से अपनाया गया हो।
गांव में चर्चा का विषय
मदारीपुर गांव में अब हर किसी की जुबां पर यही चर्चा है कि दिव्यांग होकर भी केस चंद और उनकी पत्नी ने जो हिम्मत और बड़ा दिल दिखाया, वह सचमुच काबिले तारीफ है। लोग कहते हैं कि यह बच्ची उनके घर ही नहीं बल्कि पूरे गांव के लिए लक्ष्मी बनकर आई है।
चीफ एडिटर-राकेश दिवाकर
9454139866, 9648518828
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