अमरूद में फल मक्खी नियंत्रण का विशेषज्ञों ने बताया नया उपाय, किसानों को मिला फेरोमोन ट्रैप का ज्ञान
प्रयागराज/कौशांबी।
औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र, खुसरोबाग प्रयागराज की ओर से कौशांबी के अमरूद उत्पादक किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य उद्यान विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने किसानों को अमरूद उत्पादन से जुड़ी प्रमुख समस्याओं और उनके समाधान के व्यावहारिक तरीके बताए।
एक्सीलेंस सेंटर बनेगा किसानों का सहारा
डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इजराइल सरकार के सहयोग से प्रयागराज में एक एक्सीलेंस सेंटर तैयार हो रहा है। यह केंद्र भविष्य में अमरूद सहित विभिन्न फलों के उत्पादन में किसानों के लिए वरदान साबित होगा और किसानों को उन्नत तकनीक से खेती करने का अवसर मिलेगा।
फल मक्खी नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप
तकनीकी सत्र में डॉ. सिंह ने अमरूद में होने वाले फल मक्खी कीट को सबसे बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि यह कीट फसल को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाता है।
इस समस्या से बचने का सबसे आसान और कारगर उपाय है फेरोमोन ट्रैप।
यह ट्रैप नर कीटों को अपनी ओर आकर्षित करता है और उनमें से अधिकांश फंस जाते हैं।
जब नर कीट मादा कीट से निषेचन नहीं कर पाते तो कीट की जनसंख्या अपने आप घट जाती है।
इससे किसान अपनी फसल को भारी नुकसान से बचा सकते हैं।
पौधों की कैनोपी, पोषण और सिंचाई पर विशेष जानकारी
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रशिक्षण प्रभारी वी.के. सिंह ने किसानों को पौधों की कैनोपी मैनेजमेंट, पोषण प्रबंधन और आधुनिक सिंचाई प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी। किसानों को बताया गया कि उचित सिंचाई और खाद प्रबंधन से अमरूद की उपज और गुणवत्ता दोनों बेहतर हो सकती हैं।
किसानों को मुफ्त मिला फेरोमोन ट्रैप और अन्य सामग्री
किसानों के प्रयोग और जागरूकता के लिए प्रशिक्षण केंद्र की ओर से उन्हें फेरोमोन ट्रैप, स्कैटर और फ्रूट बैग जैसी सामग्री मुफ्त उपलब्ध कराई गई। इससे किसानों को तकनीक को तुरंत आजमाने और लाभ समझने का मौका मिलेगा।
योजनाओं और सिंचाई तकनीक पर जानकारी
जिला उद्यान अधिकारी कौशांबी के प्रतिनिधि प्रमोद कुमार सिंह ने किसानों को विभागीय योजनाओं के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई की तकनीक से होने वाले लाभ भी समझाए।
किसानों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में जिले के करीब 40 अमरूद उत्पादक किसान मौजूद रहे। इस दौरान मनीष कुमार यादव और आदित्य गौतम ने भी अपने सुझाव साझा किए, जिससे किसानों को व्यावहारिक जानकारी और प्रेरणा मिली।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने किसानों को यह विश्वास दिलाया कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक उपायों के जरिए वे अपनी फसल को कीटों से बचाकर बेहतर उत्पादन कर सकते हैं।
चीफ एडिटर-राकेश दिवाकर
9454139866,9648518828
एक टिप्पणी भेजें