नवचयनित लेखपालों के लिए विशेष प्रशिक्षण: आमजन से मानवीय व्यवहार और ईमानदारी से कार्य करने पर जोर
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नंननननं हाउस में 216 प्रशिक्षु लेखपालों को दायित्वों और जिम्मेदारियों की दी गई जानकारी
प्रयागराज, 12 सितम्बर। राजस्व विभाग की ं को और मजबूत बनाने तथा नवचयनित लेखपालों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने के लिए शुक्रवार को सर्किट हाउस सभागार में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कुल 216 प्रशिक्षु लेखपालों ने हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण सत्र की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्रीमती विनीता सिंह ने की। इस दौरान अपर जिलाधिकारी नगर श्री सत्यम मिश्र, अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) श्री संजीव कुमार शाक्य और नगर मजिस्ट्रेट श्री विनोद कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।
लेखपालों की जिम्मेदारी अहम: एडीएम वित्त एवं राजस्व
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह ने प्रशिक्षु लेखपालों को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्व विभाग की रीढ़ की हड्डी लेखपाल ही हैं। भूमि पैमाइश, अंश निर्धारण, खातों का रख-रखाव और विवादों का निस्तारण जैसे महत्वपूर्ण कार्य उनकी दक्षता पर निर्भर करते हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर भूमि से जुड़े विवाद सामने आते हैं। इन विवादों को लेखपाल जितनी पारदर्शिता, दक्षता और निष्पक्षता से हल करेंगे, उतनी ही जनता का विश्वास राजस्व विभाग पर बढ़ेगा।
एडीएम ने लेखपालों से अपेक्षा की कि वे ईमानदारी और मेहनत के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें और प्रशिक्षण को गंभीरता से लें।
सेवा भाव के साथ कार्य करें: एडीएम नगर
अपर जिलाधिकारी नगर सत्यम मिश्र ने कहा कि सरकारी नौकरी को केवल पद या वेतन से न जोड़ें, बल्कि इसे जनता की सेवा का अवसर मानें।
उन्होंने प्रशिक्षु लेखपालों को सलाह दी कि वे भू-लेख नियमावली और राजस्व संहिता का गहन अध्ययन करें, ताकि कार्यों को और अधिक दक्षता से किया जा सके। उन्होंने कहा कि लेखपाल प्रशासन और जनता के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। यदि वे सकारात्मक सोच और सेवा भाव के साथ कार्य करेंगे तो जनता का विश्वास स्वतः ही मजबूत होगा।
एडीएम नगर ने यह भी चेताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुचित आचरण से शासन-प्रशासन की छवि धूमिल होती है, इसलिए लेखपालों को हर परिस्थिति में निष्पक्ष और ईमानदार बने रहना चाहिए।
आमजन की समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हो
अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) संजय कुमार शाक्य और नगर मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह ने भी प्रशिक्षु लेखपालों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लेखपाल ही वे अधिकारी हैं जो सीधे जनता से जुड़े होते हैं। इसलिए उनकी कार्यशैली पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करना ही लेखपालों की पहली जिम्मेदारी है। यदि वे पूरी निष्ठा और लगन से काम करेंगे तो न केवल ग्रामीण विवादों का समाधान होगा बल्कि राजस्व विभाग की छवि भी सुदृढ़ होगी।
प्रशिक्षण में हुआ व्यापक मार्गदर्शन
प्रशिक्षण कार्यक्रम में लेखपालों को यह भी समझाया गया कि वे शिकायतों को मानवीय दृष्टिकोण से सुनें और सकारात्मक कार्यशैली अपनाएँ। इससे जनता का भरोसा मजबूत होगा और समस्याओं का समाधान तेज गति से हो सकेगा।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी श्री गणेश कनौजिया, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर श्री अफशार अहमद, अपर जिला सूचना अधिकारी श्री युवराज सिंह सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने नवचयनित लेखपालों को न केवल तकनीकी और कानूनी जानकारी दी, बल्कि उन्हें उनकी सामाजिक और मानवीय जिम्मेदारियों के प्रति भी सजग किया।
216 प्रशिक्षु लेखपालों को मिले इस मार्गदर्शन से उम्मीद की जा रही है कि वे भविष्य में अपने कार्यों को पूरी ईमानदारी, दक्षता और पारदर्शिता से निभाएंगे। इससे न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा बल्कि जनता और शासन के बीच विश्वास का रिश्ता भी और मजबूत होगा।
चीफ एडिटर-राकेश दिवाकर
9454139866,9648518828
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