माघ मेला-2026 को भव्य-दिव्य बनाने की तैयारी, उपमुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को दिए निर्देश
प्रयागराज। माघ मेला-2026 को भव्य, दिव्य, सुरक्षित और स्वच्छ स्वरूप देने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। मंगलवार को सर्किट हाउस सभागार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने माघ मेला-2026 की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर संबंधित विभागों के अफसरों की कसी नकेल,उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों, कल्पवासियों, संत-महात्माओं और संस्थाओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं समय से और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरी की जाएं।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में मौजूदा सरकार ने माघ मेला आयोजन के बजट में लगभग 200 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस बार माघ मेला-2026 के लिए 90 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि बढ़े हुए बजट का असर जमीन पर दिखाई देना चाहिए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में माघ मेलाधिकारी ऋषिराज ने मेला क्षेत्र की बसावट, निर्माण कार्यों और विभागवार तैयारियों की अद्यतन स्थिति से उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया। उपमुख्यमंत्री ने कल्पवासियों की सुविधाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए कहा कि पूरे मेला काल में रहने वाले कल्पवासियों को आवास, बिजली, पानी, शौचालय और साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था मिलनी चाहिए।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सभी पांटून पुलों और सड़कों का निर्माण समय से पूरा कराने के निर्देश दिए। विद्युत विभाग को सभी सेक्टरों में निर्बाध बिजली आपूर्ति और शिविरों में समय पर विद्युत कनेक्शन सुनिश्चित करने को कहा गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं में कमी से सरकार की छवि प्रभावित होती है, इसलिए कोई भी बहाना स्वीकार नहीं होगा।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए गए कि मेले के दौरान स्वच्छ, निर्मल और पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता हर हाल में बनी रहे। साथ ही मेला क्षेत्र में सफाई, सेनिटेशन और जल की शुद्धता पर लगातार निगरानी रखने को कहा गया।
ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन को लेकर उपमुख्यमंत्री ने विशेष चिंता जताई। जिलाधिकारी ने बताया कि नैनी, झूंसी, फाफामऊ और शहरी क्षेत्र में 42 पार्किंग स्थलों को चिन्हित किया गया है। रेलवे और यातायात विभाग के साथ समन्वय कर व्यापक मूवमेंट प्लान तैयार किया गया है। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या जैसे प्रमुख स्नान पर्वों को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट की फुलप्रूफ व्यवस्था की जाए, ताकि श्रद्धालुओं को कम से कम पैदल चलना पड़े।
उन्होंने कुंभ-2019 और महाकुंभ-2025 के दौरान बने नए पुलों, सड़कों और ओवरब्रिजों को ट्रैफिक प्लान में शामिल करने के निर्देश दिए। साथ ही पार्किंग और होल्डिंग एरिया में सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा।
बैठक में फाफामऊ सिक्स लेन ब्रिज, रिंग रोड और गंगा एक्सप्रेसवे समेत अन्य परियोजनाओं की धीमी प्रगति पर उपमुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई और इन्हें प्राथमिकता सूची में डालकर नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री ने मेला क्षेत्र में एक दिन “वंदे मातरम्” के सामूहिक गायन के आयोजन की व्यवस्था करने को कहा। इसके अलावा फाफामऊ और रसूलाबाद स्थित विद्युत शवदाह गृहों को पूरी तरह क्रियाशील रखने, निर्धारित शुल्क लेने और वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए।
बैठक के अंत में उपमुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि दिव्य-भव्य महाकुंभ-2025 के बाद माघ मेला-2026 में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि हर श्रद्धालु सुरक्षित आए, सुरक्षित स्नान करे और सुरक्षित अपने गंतव्य तक लौटे।
बैठक में जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, माघ मेलाधिकारी समेत सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
चीफ एडिटर- राकेश दिवाकर/अभिषेक चौधरी
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