शोषण के विरुद्ध अधिकार से ही सशक्त समाज की नींव

शोषण के विरुद्ध अधिकार से ही सशक्त समाज की नींव
कौशाम्बी। समाज में सामाजिक न्याय, मानवीय गरिमा और नैतिक श्रम मानकों को मजबूत करने के लिए शोषण के विरुद्ध अधिकार अत्यंत आवश्यक है। यह बात मुख्य अतिथि अपर जिला जज एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी श्रीमती पूर्णिमा प्रांजल ने कही। वह मंगलवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में महेश्वरी प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज, आलमचन्द्र, चायल में आयोजित विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर को संबोधित कर रही थीं। शिविर में शोषण के विरुद्ध अधिकार, पॉक्सो अधिनियम, बाल अधिकार तथा एचआईवी/एड्स से बचाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई।

मुख्य अतिथि श्रीमती पूर्णिमा प्रांजल ने कहा कि बाल अधिकारों के हनन और शोषण से बच्चों को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी गहरी चोट पहुंचती है। इसका असर उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और व्यक्तित्व विकास पर पड़ता है, जो कई बार वयस्क जीवन तक दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान और विभिन्न कानूनों में बच्चों के संरक्षण के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर प्रत्येक जिले में लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रेन का गठन किया गया है, ताकि पीड़ित बच्चों को त्वरित और निःशुल्क न्याय मिल सके।

शिविर को संबोधित करते हुए डॉ. नरेन्द्र दिवाकर ने बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार अधिवेशन, किशोर न्याय अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम और राष्ट्रीय बाल नीति के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु का प्रत्येक व्यक्ति बालक माना जाता है। बच्चों के साथ मारपीट, तंग करना, मजदूरी कराना, अश्लील सामग्री दिखाना, डराना-धमकाना या किसी भी प्रकार का लैंगिक उत्पीड़न गंभीर अपराध है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 का उल्लेख करते हुए बताया कि इनमें शोषण और बाल श्रम के विरुद्ध स्पष्ट प्रावधान हैं।

तहसीलदार चायल पुष्पेन्द्र गौतम ने कहा कि यदि किसी बच्चे के साथ दुर्व्यवहार होता है तो तुरंत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पुलिस, बाल कल्याण एजेंसियों या टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करना चाहिए। उन्होंने तहसील विधिक सहायता क्लीनिक की सेवाओं की जानकारी भी दी।

शिविर में एचआईवी/एड्स जागरूकता को लेकर वाद-विवाद, पोस्टर मेकिंग और स्पेशल स्लोगन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विजेता प्रतिभागियों को ट्रॉफी, पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। स्पेशल स्लोगन में शीबा नाज, पोस्टर प्रतियोगिता में आंचल देवी प्रथम, वर्षा द्वितीय और अंशिका तृतीय रहीं। वाद-विवाद प्रतियोगिता में चांदनी चौधरी और आंचल यादव ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

कार्यक्रम का संचालन शिक्षक हेमेंद्र सिंह ने किया जबकि प्रधानाचार्य जितेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। शिविर में मिशन शक्ति टीम, बाल कल्याण समिति, महिला हेल्पलाइन, शिक्षकगण और सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
 ब्यूरो रिपोर्ट राकेश दिवाकर/विपिन दिवाकर 
9648518828 

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