गौ-आश्रय स्थल निरीक्षण में लापरवाही पर सख्त दिखे डीएम, वेतन रोकने के निर्देश

गौ-आश्रय स्थल निरीक्षण में लापरवाही पर सख्त दिखे डीएम, वेतन रोकने के निर्देश
कौशांबी। जनपद में निराश्रित गोवंशों के संरक्षण और उनकी समुचित देखभाल को लेकर जिला प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। इसी क्रम में जिलाधिकारी डॉ. अमित पाल ने मंगलवार को विकास खंड क्षेत्र स्थित गौ-आश्रय स्थल नगियामई का औचक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का गहनता से जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने गोवंशों के भरण-पोषण, रहन-सहन, साफ-सफाई तथा अभिलेखों के रख-रखाव की स्थिति को परखा और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

निरीक्षण के समय जिलाधिकारी ने उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से गौशाला में संरक्षित गोवंशों की वास्तविक संख्या, उपलब्ध भूसा एवं हरे चारे की स्थिति, केयर टेकरों की तैनाती, ईयर टैगिंग की प्रगति तथा स्वास्थ्य संबंधी जुड़ी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गौशाला में भूसा-चारा की किसी भी प्रकार की कमी स्वीकार्य नहीं होगी। और कहा कि सभी गोवंशों को समय से भरपेट चारा मिले, और यह सुनिश्चित किया जाए।  साथ ही वर्तमान ठंड के मौसम को देखते हुए गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए तिरपाल, सूखा बिछावन एवं अन्य आवश्यक इंतजाम अनिवार्य रूप से किए जाएं।

जिलाधिकारी ने गौ-आश्रय स्थल में साफ-सफाई की व्यवस्था पर विशेष जोर देते हुए कहा कि परिसर में नियमित सफाई कराई जाए, ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने की आशंका न रहे। इसके साथ ही उन्होंने केयर टेकरों की संख्या कम पाए जाने पर नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि आवश्यकता के अनुसार केयर टेकरों की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे गोवंशों की देखभाल में किसी तरह की लापरवाही न हो।

निरीक्षण के दौरान जब सहभागिता रजिस्टर एवं गोवंश रजिस्टर का अवलोकन किया गया तो उसमें कई प्रविष्टियां अद्यतन नहीं पाई गईं। इस पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से तत्काल स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारी का वेतन रोकने के आदेश भी जारी किए। जिलाधिकारी ने कहा कि अभिलेखों का सही और अद्यतन होना बेहद जरूरी है, क्योंकि इन्हीं के आधार पर गोवंशों की संख्या, उनकी स्थिति और शासन की योजनाओं की प्रगति का आकलन किया जाता है।

जिलाधिकारी ने सुपुर्दगी में दिए गए गोवंशों के संबंध में भी निर्देश दिए कि उनका नियमित सत्यापन कराया जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुपुर्द किए गए गोवंश सुरक्षित हैं और उनकी देखभाल सही ढंग से की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि भविष्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान तहसीलदार अनंत अग्रवाल एवं खंड विकास अधिकारी भावेश शुक्ला भी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि गौवंशों की सेवा और संरक्षण शासन की प्राथमिकता में शामिल है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ब्यूरो रिपोर्ट- राकेश दिवाकर/विपिन दिवाकर 
9648518828

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