मातृ–शिशु स्वास्थ्य पर जिलाधिकारी ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए अहम निर्देश

मातृ–शिशु स्वास्थ्य पर जिलाधिकारी ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए अहम निर्देश
कौशाम्बी। जिलाधिकारी ने उदयन सभागार में सोमवार को जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक कर जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति का जायजा लिया। बैठक में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, जननी सुरक्षा योजना, एसएनसीयू, आयुष्मान भारत, एम्बुलेंस सेवा सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी और जनहित से जुड़े कार्यों में अपेक्षित सुधार हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।
जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों को समय से सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने आशा कार्यकत्रियों के साथ नियमित बैठक कर उनके कार्यों की समीक्षा करने तथा आशाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को नियमित जांच, आयरन-फोलिक एसिड टैबलेट सेवन एवं सुरक्षित प्रसव के प्रति जागरूक करने पर विशेष जोर दिया।
जिलाधिकारी ने एचआरपी (हाई रिस्क प्रेगनेंसी) महिलाओं की संख्या की जानकारी लेते हुए कहा कि ऐसी महिलाओं पर विशेष निगरानी रखी जाए। और नियमित जांच के साथ प्रसव की संभावित तिथि के अनुसार पूर्व से ही सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। साथ ही एचआरपी के कारणों का समुचित रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए, ताकि समय रहते जोखिम को कम किया जा सके। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कड़ा एवं सिराथू में नॉट रिपोर्टेड प्रसव की स्थिति पर असंतोष जताते हुए तत्काल सुधार के निर्देश दिए।
एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि समिति गठित कर चेकलिस्ट के अनुसार सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जाएं, जिससे यूनिट पूरी क्षमता के साथ संचालित हो सके। उन्होंने सभी प्रसव केंद्रों पर नवजात शिशुओं के उपचार से संबंधित समुचित संसाधन, उपकरण एवं प्रशिक्षित स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि सभी प्रसव केंद्र रात्रि में भी पूरी तरह क्रियाशील रहें, जांच सेवाएं उपलब्ध हों और चिकित्सकों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
बाल मृत्यु दर की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बाल मृत्यु के कारणों का गहन अध्ययन कर एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को न्यूनतम किया जा सके। उन्होंने सैम एवं मैम बच्चों को चिन्हित कर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने, आभा आईडी बनाने तथा एनसीडी स्क्रीनिंग में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने सीएचओ के कार्यों की नियमित समीक्षा करने और कार्य में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। आयुष्मान भारत योजना की प्रगति संतोषजनक न पाए जाने पर उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को अपेक्षित सुधार लाने के निर्देश दिए। साथ ही एम्बुलेंस सेवा को और अधिक प्रभावी व समयबद्ध बनाने पर भी जोर दिया।
इस दौरान बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विनोद राम त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार, सीएमएस डॉ. सुनील कुमार शुक्ला सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट- राकेश दिवाकर/विपिन दिवाकर 
9648518828 ,9454139866 

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