अफसरों पर भारी पड़े चार ग्राम पंचायत सचिव शासकीय फरमान को दरकिनार कर पुनः कराया स्थानातंरण
कौशाम्बी। सत्ता पक्ष के माननीय के नजदीक कहे जाने वाले जिले में चार ग्राम पंचायत सचिव अफसरों पर भारी पड़ गए है। शासकीय फरमान को दर-किनार कर महीना भर में ही चारों ग्राम पंचायत सचिवों ने मूल तैनाती ब्लाक में वापस स्थानंतरण करा लिया है। महीने भर में चारों ग्राम पंचायत सचिव के स्थानंतरण ने सीएम योगी के जीरो टॉलरेंस के दावे को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इलाकाई लोगों ने मामले की शिकायत अफसरों से किया है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर एक ही ब्लाक में तीन साल से तैनात ग्राम पंचायत सचिव का स्थानांतरण दूसरे-दूसरे ब्लाक में कर दिया गया था। इसी के तहत सिराथू ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत सचिव सतीश चौधरी का स्थानांतरण कौशाम्बी ब्लाक कर दिया गया था। साथ ही नेवादा ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी अंशुमान सिंह, अजय सिंह व अनुराग का स्थानांतरण मूरतगंज ब्लाक कर दिया गया था। आरोप है कि अफसरों ने महीने भर में सतीश चौधरी को कौशाम्बी ब्लाक से पुनः सिराथू ब्लाक में तैनात कर दिया है। इसके अलावा ग्राम पंचायत अधिकारी अंशुमान, अनुराग व अजय को भी मूरतगंज ब्लाक से नेवादा ब्लाक में पुनः तैनात कर दिया गया है। साथ ही सतीश चौधरी को सिराथू ब्लाक में फिर से ग्राम पंचायतों का चार्ज सौंप दिया गया है। जबकि अजय व अंशुमान ने भी नेवादा में ज्वाईन कर लिया है। जबकि अनुराग को रिलीव करने की कवायद चल रही है। सूत्रों की माने तो चारों सचिवों ने स्थानंतरण के लिए अफसरों को मोटी रकम भेंट करने के साथ ही एक माननीय से सिफारिश भी कराया है।
फिर शुरु हुआ ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल
जनपद कौशाम्बी के ग्राम पंचायतों में एक बार फिर ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल शुरु हो गया है। मन माफिक ग्राम पंचायतों में तैनाती के लिए सेक्रेटरी अफसरों से सम्पर्क कर रहें हैं। साथ ही नेताओं से सिफारिश भी करा रहें है। इस संबंध में जिलाधिकारी कौशांबी राजेश कुमार राय से बात की गई तो उनका कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट-राकेश दिवाकर
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