गौशालाओं में नहीं रुक रही बदहाली पांच गोवंश मरे आधा दर्जन बीमार

गौशालाओं में नहीं रुक रही बदहाली, चार गौवंश मरे आधा दर्जन बीमार
जनपद कौशांबी के गौशालाओं की स्थिति नहीं सुधरने का नाम नहीं ले रही है संरक्षित मवेशियों के लिए काल बन रही है। सरकार द्वारा बनाए गए अस्थाई गौशालाओं में गोवंशों का नहीं रुक रहा भूख प्यास से मौत का खेल जिसकी वजह से तड़पकर करने को मजबूर है।रविवार को नेवादा के नूरपुर हाजीपुर गौशाला में एक बीमार गोवंश के कौवा ने आंख फोड़ डाला तो दूसरे गाय के बछड़े को मृत अवस्था में पाया गया मजे की बात तो यह है कि गौशाला के अंदर एक भैंस को चारा पानी कराया जा रहा जो हष्ट पुष्ट दिखी है। वही गोवंश की हड्डियां झलकती नजर आई नेवादा ब्लाक के नूरपुर हाजीपुर गांव स्थित स्थाई गौशाला में रविवार को एक बछड़े को मृत अवस्था में पाया गया । जिसे संरक्षकों ने गौशाला के पीछे झाड़ियों में फेंक दिया। जिसे कुत्ते नोच, नोच कर खा रहे थे। जबकि गौशाला में एक गोवंश बीमार पड़ा था। जिसकी आंख कौवों ने फोड़ दिया है। इस संबंध में सचिव सुरेंद्र सिंह का कहना है कि चारा पानी का इंतजाम भरपूर है। इलाज के अभाव में बीमारी से मौत हुई थी। जिसका अंतिम संस्कार कराया गया है। वही जिम्मेदारों से जब सवाल पूछने पर एक दूसरे के ऊपर डालकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। और सवालों से बचते नजर आते हैं।

वहीं अब बात कौशांबी ब्लाक के रक्सराई गांव में बने सड़क किनारे गौशाला की बात की जाए तो तीन गौवंशों की मौत और तीन से अधिक बीमार 
कौशांबी विकास खंड के रक्सराई गांव में स्थित स्थाई गौशाला में करीब 80 मवेशी संरक्षित हैं। रविवार को ग्रामीणों ने गौशाला में भूख प्यास से तड़प कर तीन गौवंश के मरने और तीन से अधिक मवेशियों के बीमार होने का दावा किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गौशाला में संरक्षित मवेशियों को भर पेट चारा पानी नहीं दिया जाता है। जिससे भूख और प्रयास से तड़प कर मवेशी कमजोर होकर बीमार हो जाते हैं। जिस कारण इनकी मौतें होती हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि जो मवेशी भूख प्यास से तड़प कर एक बार बैठ गया फिर दोबारा उठ नहीं पाता जिससे उनकी मौत हो जाती है। वही बात जब जिम्मेदारों से की जाती है अपनी सफाई देकर पल्ला झाड़ लेते हैं आखिर इन सब का जिम्मेदार कौन? क्या किसी की जवाब देही नहीं बनती है।

रिपोर्ट- राकेश दिवाकर पत्रकार 
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