योग क्रिया: जाति-धर्म के बंधनों से मुक्ति का मार्ग - योगी सत्यम
योग से जागेगी आत्मशक्ति, मिटेंगे भेदभाव
जनपद कौशांबी- तहसील चायल के बलहेपुर गांव में आयोजित कार्यक्रम में महावतार बाबा तपोभूमि के संस्थापक और क्रिया योग वैज्ञानिक योगी सत्यम महाराज ने योग के महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि योग क्रिया केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं, बल्कि मानसिक शांति और सामाजिक समरसता का माध्यम है। जाति-धर्म के भेदभाव योग के अभ्यास से समाप्त हो सकते हैं। वहीं कहा कि
"हम सभी एक ही ईश्वर की संतान"
योगी सत्यम ने जाति-धर्म को माया जाल बताते हुए कहा कि सभी मनुष्य एक ही ईश्वर से उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज में व्याप्त इन कृत्रिम विभेदों को योग और ध्यान के जरिए समाप्त किया जा सकता है। योगी सत्यम महाराज ने कहा की सरकारी योजनाओं और कुंभ मेले के लिए आए धन के दुरुपयोग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गरीबों के आवास और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए बनाए गए फंड का सही उपयोग नहीं हो रहा है।
योगी सत्यम ने कहा कि रक्तदान और अंगदान के समय जाति-धर्म का कोई महत्व नहीं रहता। यह इस बात का प्रमाण है कि भेदभाव मानवता के खिलाफ है। योग क्रिया के माध्यम से व्यक्ति इस मानसिकता से मुक्त हो सकता है।
सामाजिक सेवा और कंबल वितरण
कार्यक्रम के दौरान जागृति महिला सेवा संस्थान और महिला अधिकार संगठन ने सौ से अधिक जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए। इस मौके पर ग्राम प्रधान अनीता सिंह, मंजू पाठक, योगेंद्र सिंह उर्फ बबलू भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के जिला अध्यक्ष राजू सिंह, सुषमा पाल, मनीषा, जारा, जान सिंह, अयोध्या प्रसाद, मंजीत सिंह, अजीत सिंह, राम लौटन आदि रहे।
पत्रकार- राकेश दिवाकर
9648518828
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