बाल विवाह और श्रम पर सख्त रुख, जिलाधिकारी ने की बाल सुरक्षा संस्थाओं की समीक्षा

"बाल विवाह और श्रम पर सख्त रुख, जिलाधिकारी ने की बाल सुरक्षा संस्थाओं की समीक्षा
कौशाम्बी-जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के कार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अप्रैल माह 2025 के दौरान प्राप्त मामलों, बच्चों के पुनर्वास, निरीक्षण कार्यों एवं अभियानों की विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक में बताया गया कि अप्रैल माह में कुल 31 मामले बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत हुए, जिनमें से 21 मामलों में काउंसिलिंग एवं विधिक प्रक्रिया के उपरांत बच्चों को उनके परिवारों में पुनर्वासित किया गया। शेष मामलों में कानूनी प्रक्रिया प्रचलित है।

जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में किसी भी दशा में बाल विवाह एवं बाल श्रम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाल विवाह के मामलों में कार्रवाई करते हुए अप्रैल माह में एक बाल विवाह को रोका गया, जबकि दो मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई।

बाल श्रम के विरुद्ध चलाए गए अभियान के तहत चार बच्चों को रेस्क्यू कर मुक्त कराया गया और तीन भट्ठा मालिकों पर कार्रवाई की गई। इस अभियान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी, मानव तस्करी रोधी इकाई एवं जिला बाल संरक्षण इकाई की भागीदारी रही।

समीक्षा के दौरान यह भी बताया गया कि अप्रैल माह में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर एवं कौशाम्बी स्थित विभिन्न बालगृहों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बच्चों के रहन-सहन, खानपान एवं शिक्षा की व्यवस्था का मूल्यांकन कर उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया गया।

किशोर न्याय बोर्ड की समीक्षा में जानकारी दी गई कि अप्रैल से पूर्व 457 मामले लंबित थे। अप्रैल माह में 9 नए मामले दर्ज हुए, जबकि 13 मामलों का निस्तारण किया गया। वर्तमान में कुल 453 मामले लंबित हैं, जिनमें विधिक प्रक्रिया जारी है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि प्रमुख चौराहों पर बाल विवाह एवं बाल श्रम विरोधी जागरूकता हेतु होर्डिंग्स लगवाए जाएं। साथ ही बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के लंबित प्रकरणों में शीघ्र काउंसिलिंग एवं आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

इस समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला प्रोबेशन अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, संरक्षण अधिकारी एवं चाइल्ड हेल्पलाइन कोऑर्डिनेटर सहित संबंधित अधिकारी उपस्थि रहें।

ब्यूरो राकेश दिवाकर (विश्व सहारा हिंदी दैनिक) व
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