संयुक्त जिला चिकित्सालय में मनाया गया 'कन्या जन्मोत्सव
कौशाम्बी- समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच और समानता का संदेश देने के उद्देश्य से कौशाम्बी जिले के संयुक्त जिला चिकित्सालय, मंझनपुर में एक प्रेरणास्पद और भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ‘कन्या जन्मोत्सव’ नामक इस आयोजन के माध्यम से हाल ही में जन्मी बालिकाओं और उनकी माताओं का सम्मान कर यह संदेश दिया गया कि बेटी का जन्म गर्व का विषय है, न कि चिंता का कारण। यह आयोजन जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी के कुशल निर्देशन में महिला कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रीमती मंतशा ने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाने के लिए इस प्रकार के आयोजनों की अत्यंत आवश्यकता है, जिससे समाज में जागरूकता फैले और बेटियों को लेकर नकारात्मक मानसिकता समाप्त हो।
कार्यक्रम में उन 10 नवजात बालिकाओं और उनकी माताओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जो हाल ही में इस अस्पताल में जन्मी थीं। बच्चियों को बेबी किट, नये कपड़े, ड्राई फ्रूट्स, पौधे के साथ गमले, मिठाई, केक और सम्मान पत्र भेंट किए गए। इस दौरान पूरे वातावरण को उत्सवमय बनाते हुए केक काटकर कन्याओं के जन्म का सामूहिक स्वागत किया गया।
जिला प्रोफेशनल अधिकारी श्रीमती मंतशा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,
> "हमें समाज में बेटा-बेटी के बीच की दूरी को समाप्त करना होगा। दोनों को समान अधिकार और अवसर देने की जरूरत है।"
उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के विभिन्न चरणों की जानकारी भी साझा की और उपस्थित माताओं को बताया कि कैसे इस योजना के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि अधिक से अधिक लोग इस योजना से जुड़ें और समाज में बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करें।
इस अवसर पर डायट प्राचार्य, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, संरक्षण अधिकारी, चिकित्सालय के चिकित्सक, स्टाफ नर्स, वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारी, और नवजात बालिकाओं के माता-पिता मौजूद रहे। सभी ने इस आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की और इसे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
समारोह के दौरान चिकित्सालय में एक विशेष सजावट की गई थी, जहाँ दीवारों पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के स्लोगन और प्रेरणादायक चित्रों के माध्यम से एक संवेदनशील और उत्साहजनक वातावरण निर्मित किया गया। माताओं के चेहरों पर खुशी और गर्व साफ झलक रहा था, जो बताता है कि ऐसे प्रयास उन्हें सामाजिक स्वीकृति और आत्मसम्मान का अनुभव कराते हैं।
‘कन्या जन्मोत्सव’ के रूप में इस आयोजन ने न केवल नवजात बालिकाओं और उनकी माताओं को सम्मान दिया, बल्कि समस्त कौशाम्बी जनपद में यह संदेश दिया कि बेटी एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि उत्सव का कारण है।
इस तरह के प्रयास समाज में लंबे समय तक प्रभाव छोड़ते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत और समानता पर आधारित नींव तैयार करते हैं। महिला कल्याण विभाग की यह पहल निश्चित ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को नई ऊर्जा प्रदान करेगी।
ब्यूरो राकेश दिवाकर/विपिन दिवाकर (विश्व सहारा हिंदी दैनिक) व editor-bharat tv gramin 9648518828
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