गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल, डीएम ने की गहन समीक्षा
कौशाम्बी-जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने सम्राट उदयन सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में गैर आकांक्षी विकास खण्डों तथा आईजीआरएस की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में ग्रामीण विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और उनकी निगरानी को लेकर अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए। डीएम ने बताया कि सप्लाई इंस्पेक्टरों और पशु चिकित्साधिकारियों की संयुक्त टीम गांवों का भ्रमण कर वहां की समस्याओं को चिन्हित करेगी और पात्र लाभार्थियों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी पात्र व्यक्ति को आवास योजना से वंचित न रहने दिया जाए, इसके लिए चल रहे सर्वेक्षण कार्य को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि गठित टीमों का उद्देश्य गांवों को मूलभूत सुविधाओं से युक्त करना, सरकारी योजनाओं का लाभ देना और मौके पर ही शिकायतों का समाधान करना है। निरीक्षण के दौरान आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, पंचायत सचिव, और ग्राम प्रधानों से संपर्क कर सभी अड़चनों का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। डीएम ने निर्देश दिए कि पीएचसी, सीएचसी, और बीएचएनडी सेंटरों का निरीक्षण कर बच्चों के टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की जांच और पोषण संबंधी व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया जाए। विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान भवन, उपस्थिति, टैबलेट, और शिक्षा की गुणवत्ता की भी समीक्षा आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर ग्राम पंचायत में एक तालाब होना चाहिए और जल निगम द्वारा कराए गए कार्यों जैसे पानी की टंकी, नल कनेक्शन और सड़कों की मरम्मत की भी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। साथ ही, सभी अधिकारियों को 5-5 आईजीआरएस मामलों का भौतिक सत्यापन करने का भी निर्देश दिया गया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी सुखराज बन्धु सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
विश्व सहारा (ब्यूरो राकेश दिवाकर) व
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