केदारनाथ धाम के पास श्रद्धालुओं से भरे हेलिकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग, 7 लोगों की मौत

केदारनाथ धाम के पास श्रद्धालुओं से भरे हेलिकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग, 7 लोगों की मौत
उत्तराखंड केदारनाथ धाम के पास रविवार सुबह करीब 5:20 बजे एक निजी हेलिकॉप्टर, जो केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था, त्रिजुगीनारायण और गौरिकुंड के बीच पहाड़ी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें पायलट समेत एक बच्चा और पांच श्रद्धालु शामिल हैं।
घटना के बाद पूरे चारधाम यात्रा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर ‘आर्यन एविएशन’ कंपनी का बताया जा रहा है, जो लंबे समय से केदारनाथ यात्रा के लिए सेवाएं दे रहा है। यात्रियों का कहना है कि सुबह मौसम कुछ हद तक साफ था लेकिन अचानक बादलों और कोहरे ने दृश्यता को प्रभावित कर दिया। हादसे की वजह भी खराब मौसम और तकनीकी गड़बड़ी मानी जा रही है, हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि हेलिकॉप्टर ने केदारनाथ से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद नियंत्रण खो दिया और एक सुनसान पर्वतीय क्षेत्र में जा गिरा। धमाके की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक हेलिकॉप्टर पूरी तरह जल चुका था। मृतकों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं, हालांकि अधिकतर शव बुरी तरह झुलस चुके हैं।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस व प्रशासन की टीमों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन किसी भी यात्री को जीवित नहीं पाया जा सका। शवों को हेलिकॉप्टर से निकालकर पोस्टमार्टम हेतु गुप्तकाशी भेजा गया है।

हादसे पर प्रशासनिक प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, "यह अत्यंत पीड़ादायक घटना है। मैंने सभी संबंधित अधिकारियों को तत्काल राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है।"

मुख्यमंत्री ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दे दिए हैं। साथ ही केंद्र सरकार से DGCA और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को हेलिकॉप्टर सेवा की निगरानी हेतु निर्देशित किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता दिए जाने की बात कही है।

लगातार हो रहे हैं हादसे

चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवा में यह पहला हादसा नहीं है। बीते 45 दिनों में यह पाँचवां बड़ा मामला है जब किसी हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आई या उसे आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इससे यात्रियों में भय व्याप्त है और सरकार पर हवाई सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि दुर्गम भू-भागों में उड़ान से पहले मौसम की विस्तृत निगरानी, पायलटों का विशेष प्रशिक्षण और तकनीकी निरीक्षण की प्रक्रिया को और सख्त करने की जरूरत है।

वहीं मृतकों के परिजनों को ₹15 लाख मुआवजा दिए जाने की घोषणा।

DGCA द्वारा तकनीकी जांच दल का गठन।

हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाताओं को सेवा शर्तों की समीक्षा के आदेश।

चारधाम क्षेत्र में उड़ानों पर अस्थायी रोक की संभावना पर विचार।

हर साल लाखों श्रद्धालु केदारनाथ और चारधाम की यात्रा करते हैं। जहां एक ओर सरकार इस यात्रा को सुगम और आधुनिक बनाना चाहती है, वहीं बार-बार हो रहे हादसे यात्रियों की सुरक्षा पर गहरे सवाल खड़े करते हैं।

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