प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल माफिया पर पुलिस का बड़ा वार, एक लाख का इनामी आयुष पांडे गिरफ्तार
कौशाम्बी- प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक के गिरोहों पर शिकंजा कसते हुए कौशाम्बी पुलिस और एसटीएफ प्रयागराज को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मंझनपुर थाना क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी कार्रवाई में पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट के वांछित और एक लाख रुपये के इनामी अपराधी आयुष पांडे को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी उस गिरोह से जुड़ी है जो पिछले कई वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर आउट कर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलता था और परीक्षा प्रणाली को तहस-नहस कर रहा था।
पेपर लीक का मास्टरमाइंड था आयुष पांडे
गिरफ्तार अभियुक्त आयुष पांडे पुत्र विनोद कुमार पांडे, ग्राम बिनपुरा थाना रानीपुर, जिला मऊ का रहने वाला है। यह गिरोह का सक्रिय सदस्य था और प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले एक सुनियोजित नेटवर्क का हिस्सा था। बताया जा रहा है कि यह गिरोह परीक्षाओं से पहले ही प्रश्नपत्र लीक कर देता था और जरूरतमंद अभ्यर्थियों को भारी रकम लेकर पास कराने का दावा करता था।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह न सिर्फ पेपर लीक करता था, बल्कि परीक्षा में अनुचित तरीकों से उम्मीदवारों को बैठाकर उन्हें उत्तीर्ण भी कराता था। इस पूरे कृत्य को ‘ऑपरेशन प्रतियोगिता’ नाम देकर कार्य किया जा रहा था, जिससे बड़ी संख्या में अभ्यार्थी प्रभावित हुए हैं।
इस मामले में मंझनपुर थाने में दिनांक 23 जुलाई 2024 को गैंग लीडर रजीवनंदन मिश्रा उर्फ राहुल कुमार मिश्रा और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा संख्या 236/2024 दर्ज किया गया था, जिसमें अब तक 18 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। आयुष पांडे फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयागराज जोन के अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
मुखबिर की सूचना पर हुई गिरफ्तारी
मंझनपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम को आयुष पांडे की लोकेशन मिलने पर सोमवार सुबह उसे घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। टीम ने उसे प्रयागराज-मऊ मार्ग पर दबोचा, जहां वह किसी अन्य सहयोगी से मिलने जा रहा था। टीम द्वारा तत्काल घेराबंदी कर उसे हिरासत में लिया गया और पूछताछ में उसने पूरे नेटवर्क का खुलासा किया।
पुलिस पूछताछ में आयुष ने स्वीकार किया कि वह अपने गैंग के साथ मिलकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कराता था और इसके एवज में हर अभ्यर्थी से 5 से 10 लाख रुपये तक वसूल करता था। यह रकम गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते थे। वहीं धंधे से कमाई गई संपत्ति की जानकारी पुलिस जुटा रही है।
पुलिस की सतर्कता और रणनीति लाई रंग
एसपी कौशाम्बी द्वारा गठित विशेष टीम लगातार इस मामले में सक्रिय थी। गिरफ्तारी के लिए लगातार मऊ, आजमगढ़, प्रयागराज और वाराणसी सहित कई जिलों में दबिश दी जा रही थी। आखिरकार मुखबिर की सूचना और टीम की तत्परता से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस नेटवर्क के तार किस-किस सरकारी एजेंसी से जुड़े थे और किस स्तर तक यह खेल फैला हुआ था।
यह गिरफ्तारी सिर्फ एक अपराधी की नहीं, बल्कि एक पूरे अवैध तंत्र के ध्वस्त होने का संकेत है। प्रतियोगी परीक्षाओं जैसी पवित्र प्रक्रिया में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस की यह कार्रवाई निश्चित ही एक सख्त संदेश है। अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों में भी इस कार्रवाई से विश्वास जगा है।
ब्यूरो राकेश दिवाकर (विश्व सहारा हिंदी दैनिक)
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