कृषि योजनाओं की समीक्षा बैठक, जिलाधिकारी ने लापरवाह अफसरों पर कसी नकेल

कृषि योजनाओं की समीक्षा बैठक, जिलाधिकारी ने लापरवाह अफसरों पर कसी नकेल
खेत तालाब योजना में गड़बड़ी पर अधिकारी का वेतन रोका, सभी सरकारी संस्थानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य

कौशाम्बी जनपद में संचालित कृषि, पशुपालन, लघु सिंचाई और संबंधित विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी की अध्यक्षता में उदयन सभागार में आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों से योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और कई मामलों में नाराजगी जाहिर करते हुए कठोर निर्णय भी लिए।

खेत तालाब योजना में गड़बड़ी पर सख्त रुख

बैठक में भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा खेत तालाब योजना के संबंध में गलत जानकारी दिए जाने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश देते हुए कहा कि योजना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खेत तालाब योजना के तहत वर्तमान में 17 तालाबों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे बढ़ाकर 50 कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी तालाबों की खुदाई बरसात शुरू होने से पहले हर हाल में पूरी कराई जाए।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर सख्ती

लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना की प्रगति असंतोषजनक पाई गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जब तक कौशाम्बी जिले के सभी सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं अन्य शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं लगाई जाती, तब तक संबंधित अवर अभियंता (जेई) और सहायक अभियंता (एई) का वेतन न आहरित किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्यों में देरी किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी।

सिंचाई व्यवस्था पर भी फोकस

समीक्षा के दौरान सिंचाई विभाग ने जानकारी दी कि जिले की 35 नहरों में से 22 में पानी पहुंच चुका है। शेष नहरों में भी जल्द पानी पहुंचाने का निर्देश जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता को दिया। उन्होंने कहा कि टेल तक पानी पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाए और इसकी फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने शिल्ट सफाई जैसे कार्यों को भी प्राथमिकता के आधार पर जल्द निपटाने के निर्देश दिए।

किसानों को मिलना चाहिए अधिक लाभ

जिलाधिकारी ने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कम से कम 25 प्रतिशत अधिक किसानों को योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए केला, ऑवला, नींबू, ड्रैगन फ्रूट, पपीता और सब्जी उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही किसानों को जैविक खेती, मृदा परीक्षण और नई सिंचाई तकनीकों के प्रति जागरूक किया जाए।

पशुपालन और मत्स्य विभाग को भी दिए निर्देश

जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग को गोवंश संरक्षण स्थलों की पहचान कर वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के निर्देश दिए। मत्स्य विभाग को तालाब निर्माण और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार तेज करने को कहा गया, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण इस योजना से जुड़कर लाभान्वित हो सकें।

एफपीओ को किया जागरूक

बैठक में जिलाधिकारी ने कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से जुड़े किसानों को अपने उत्पादों का बाज़ार विस्तार करने के लिए मार्केटिंग और प्रचार-प्रसार पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एफपीओ की भूमिका अहम है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्री अजीत कुमार श्रीवास्तव, उप निदेशक कृषि श्री सत्येन्द्र कुमार तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

ब्यूरो- राकेश दिवाकर/विपिन दिवाकर
     (विश्व सहारा हिंदी दैनिक) व 
     editor bharat tv gramin 
              9648518828

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