पुलिस की नाक के नीचे चोरों का तांडव, दो घरों से लाखों की चोरी, ग्रामीणों में दहशत

पुलिस की नाक के नीचे चोरों का तांडव, दो घरों से लाखों की चोरी, ग्रामीणों में दहशत
                        पीड़ित 

कौशांबी। जिले के पिपरी थाना क्षेत्र का पिपरी गांव चोरों के आतंक से सहमा। बीती रात चोरों ने थाने से चंद दूरी पर स्थित गांव में दो घरों को निशाना बनाया और लाखों रुपये के गहने व नकदी लेकर फरार हो गए। यह वारदात न केवल पुलिस की चौकसी पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि ग्रामीणों को भी असुरक्षा के गहरे साए में जीने को मजबूर कर रही है। ग्रामीण भी खुलेआम सवाल उठा रहे हैं कि जब पुलिस के नाक के नीचे अपराधी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर आराम से फरार हो सकते हैं, तो दूर के गांव व कस्बों का क्या हाल होगा। कानून-व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

 चोरों के आतंक से गांव में दहशत का माहौल

आपको बता दे कि पिपरी गांव निवासी गुलाब भारतीया के सेंधमारी कर तो राम विशाल पाल के घर में लगे दरवाजे की कुंडी को तोड़कर दोनों घरों से बक्सा उठा ले गए जिसमें बेस कीमती कागज व गहने चोरों ने लाखों के गहने समेत पारकर ले गए। परिजनों का कहना है हम लोग खाना खा पी करके सो गए और कब आंख लग गई पता ही नहीं चला।

लेकिन रात की खामोशी में चोरों ने मौका देखकर घर के पीछे से ईंट की दीवार तोड़ दी। आखिर पास में ही सो रहे परिजन को ? घर के पीछे लगे धान के खेत की आड़ लेकर वे घर में दाखिल हुए। गृहस्थी वाले कमरे में पहुंचकर चोरों ने लोहे की रॉड से ताला तोड़ा और अंदर रखे दो छोटे बक्सों व अलमारी का लॉक तोड़ डाला।

इन बक्सों में गुलाब ने अपनी गाढ़ी कमाई से खरीदे गए सोना-चांदी के आभूषण और नकदी रखी थी। चोर सब कुछ समेटकर फरार हो गए। सुबह जब गुलाब के परिवार की आंख खुली तो दरवाजा के बगल में सेंधमारी देख उनके होश उड़ गए और घर का सामान अस्त-व्यस्त पड़ा था। परिजन घबराकर घर से बाहर निकले और खोजबीन की तो गांव के बाहर कुछ दूरी पर नीम, महुआ के बगीचे में दोनों बक्से टूटे हुए मिले। लेकिन उनमें रखे जेवर और नकदी गायब थे। गुलाब ने बताया कि चोरी गए सामान की कीमत नगदी समेत लाखों रुपये के जेवरात थे।

                 राम विशाल पाल की पत्नी 

इसी तरह गुलाब के घर के बगल में ही राम विशाल पाल के घर में भी चोरों ने कुंडी खोलकर बक्सा उठा ले गए कमरा के बाहर सो रहे राम विशाल को कम सुनाई पड़ता है उनकी पत्नी रिश्तेदारी में गई हुई थी राम विशाल की आंख कब लग गई उन्हें पता ही नहीं चला और कर घर से बक्सा पार करके उठा ले गए वह तो पड़ोस में हुए सेंधमारी की वजह से अपने लोग अपने अपने घरों में इधर-उधर देखने लग गए सभी पता चला कि राम विशाल पाल के घर भी चोरी हो गई।
सुबह जब उन्होंने घर का हाल देखा तो उनके भी होश उड़ गए। घर का सामान बिखरा पड़ा था, ताले टूटे हुए थे और कीमती सामान गायब था। दोनों परिवारों के लिए यह घटना गहरा सदमा है।

पुलिस पर उठ रहे सवाल

गांव के लोगों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से इलाके में चोरी और लूट की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। आधा दर्जन से ज्यादा वारदातें हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस अब तक किसी भी मामले का खुलासा नहीं कर पाई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दो माह पहले मखऊपुर तिराहे पर एक महिला से दिनदहाड़े हुई छिनैती का वीडियो लालापुर में स्थित मंदिर के सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हुआ था। फुटेज में अपराधियों की पहचान भी शायद हो चुकी थी, फिर भी पुलिस ने अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।

इससे साफ जाहिर होता है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और पुलिस की पकड़ लगातार ढीली पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस कार्रवाई नहीं करती तो आने वाले दिनों में और बड़ी घटनाएं हो सकती हैं।

थानेदार की कार्यशैली पर सवालिया निशान

ग्रामीणों ने खुलकर थानेदार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिले में यह कहा जाता है कि "थानेदार के नाम से ही अपराधी थर-थर कांपते हैं", लेकिन जब थाने से कुछ ही दूरी पर स्थित गांव में इतनी बड़ी वारदात हो जाती है और अपराधी बिना डर के घरों में सेंधमारी कर लाखों का माल लेकर फरार हो जाते हैं, तो यह दावा खोखला साबित होता है।

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस रात में गश्त के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाती है। जबकि असल में गांव और कस्बों में कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं। इससे चोरों को खुली छूट मिल रही है।

अपराधियों के हौसले बुलंद

यह साफ इशारा करता है कि अपराधियों को न तो पुलिस का डर है और न ही किसी कार्रवाई का।

पीड़ित गुलाब भारतीया ने कहा कि उसने मजदूरी करके जोड़ा हुआ पैसा और जेवर चोर ले गए।वहीं राम विशाल के परिजनों ने भी दु:ख जताते हुए कहा कि पुलिस अगर सतर्क होती तो चोर इतनी आसानी से दो-दो घरों को एक ही रात में निशाना नहीं बना सकते थे।

ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश

वारदात के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है। लोग रात को चैन से सो नहीं पा रहे हैं। हर किसी को डर है कि अगला नंबर कहीं उसके घर का न हो जाए। साथ ही पुलिस के खिलाफ आक्रोश, ग्रामीणों ने मांग की है कि वरिष्ठ अधिकारी स्वयं मौके पर आकर जांच करें और लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करें।

जिम्मेदारों की चुप्पी पर भी सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से चोरियों की घटनाएं बढ़ रही हैं, उस पर प्रशासन की चुप्पी भी हैरान करने वाली है। न तो चोरी की घटनाओं का खुलासा हो रहा है और न ही अपराधियों पर शिकंजा कसने की कोई ठोस कार्रवाई। यह स्थिति सीधे तौर पर आम जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ है।

कुल मिलाकर पिपरी गांव में हुई दोहरी चोरी की यह घटना पुलिस की कार्यशैली पर गहरे सवाल उठाती है। लाखों रुपये की संपत्ति लूटकर चोर आसानी से फरार हो गए और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। अगर समय रहते इन घटनाओं का खुलासा नहीं हुआ तो न सिर्फ अपराधियों के हौसले और बढ़ेंगे बल्कि जनता का पुलिस पर से विश्वास भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

ब्यूरो राकेश दिवाकर (विश्व सहारा हिंदी दैनिक)
                    9648518828 

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