जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा

जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा

कौशांबी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और विभागीय योजनाओं की प्रगति को तेज करना रहा। बैठक में विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने भी भाग लिया।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सहायक आयुक्त (खाद्य) ममता चौधरी को निर्देशित किया कि सीएम डैशबोर्ड पर विभागीय योजनाओं एवं इंडिकेटर्स की शत-प्रतिशत फीडिंग हर हाल में सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आंकड़ों की अद्यतन फीडिंग न केवल शासन को सही तस्वीर दिखाने का कार्य करती है बल्कि विभाग की कार्यशैली की पारदर्शिता भी इसी से तय होती है।

न्यायालयीन वादों पर पैरवी का निर्देश

समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने लंबित न्यायालयीन वादों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि विभाग को चाहिए कि विचाराधीन वादों पर प्रभावी पैरवी की जाए, ताकि लंबित मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण हो सके। इस संदर्भ में उन्होंने अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) को विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा विभाग के लम्बित वादों के निस्तारण में प्रगति लाने का निर्देश दिया।

त्योहारों को देखते हुए मिलावटखोरों पर कड़ी निगरानी

त्योहारों का मौसम नजदीक होने के चलते जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि खाद्य सुरक्षा विभाग को और अधिक सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि मिलावटी मिठाइयों, दूध व अन्य खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए नियमित रूप से बाजारों में छापेमारी की जाए। जिलाधिकारी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

कोटे की दुकानों के पंजीकरण पर सख्ती

बैठक के दौरान सहायक आयुक्त (खाद्य) ममता चौधरी ने जानकारी दी कि जिले की कोटे की दुकानों का पंजीकरण अभी तक पूरा नहीं हो सका है। इस पर जिलाधिकारी ने गंभीर रुख अपनाते हुए जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया कि 06 सितंबर, 2025 तक हर हाल में कोटे की दुकानों का पंजीकरण पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि पात्र उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण व्यवस्था सुचारू रखने के लिए यह कदम अनिवार्य है।

अधिकारियों की मौजूदगी और विभागीय जिम्मेदारी

इस अवसर पर बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) शालिनी प्रभाकर एवं अपर जिलाधिकारी प्रबुद्ध सिंह भी मौजूद रहे। दोनों अधिकारियों को जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि वे विभागीय गतिविधियों की नियमित निगरानी करें और जहां भी बाधाएं आ रही हों, उन्हें तत्काल दूर कराया जाए।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा आगामी दिनों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें उपभोक्ताओं को यह बताया जाएगा कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें।

जिलाधिकारी का संदेश

जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने बैठक के अंत में कहा कि खाद्य सुरक्षा सीधे आम जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ विषय है, इसलिए इसमें लापरवाही की गुंजाइश नहीं हो सकती। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि योजनाओं की प्रगति समयबद्ध ढंग से दर्ज हो, न्यायालयीन वादों पर तेजी से पैरवी हो और त्योहारों में नकली या मिलावटी खाद्य पदार्थों को बाजार तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया जाए।

जिलाधिकारी की इस समीक्षा बैठक से यह स्पष्ट संदेश गया कि शासन खाद्य सुरक्षा को लेकर गंभीर है और विभागीय अधिकारियों से परिणामोन्मुखी कार्य की अपेक्षा रखता है। आने वाले दिनों में विभाग की सक्रियता न केवल बाजार में पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि आम उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा भी करेगी।

रिपोर्ट- विपिन दिवाकर 

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