जनपद न्यायाधीश ने किया जन-जागरूकता वाहन का शुभारंभ, 13 सितंबर को होगी राष्ट्रीय लोक अदालत
कौशांबी। न्यायपालिका की प्राथमिकता केवल न्याय देना ही नहीं बल्कि आम जनता तक न्याय की आसान और सुलभ पहुँच सुनिश्चित करना भी है। इसी कड़ी में जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रयागराज ने शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत के व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से जन-जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन जिले के विभिन्न स्थानों पर जाकर लोगों को लोक अदालत की उपयोगिता, लाभ और निस्तारण प्रक्रिया की जानकारी देगा।
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 13 सितंबर 2025 को किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों का त्वरित और आपसी समझौते के आधार पर निस्तारण कराना है, ताकि वादकारियों को समय, धन और ऊर्जा की बचत हो सके। लोक अदालत में विशेषकर बैंक वसूली के मामले, बिजली बिल, बीमा दावे, वैवाहिक विवाद, आपराधिक सुलह योग्य वाद और विभिन्न प्रकार के दीवानी विवादों का समाधान सरल व सहज तरीके से कराया जाता है।
जन-जागरूकता वाहन के शुभारंभ अवसर पर जिले के सभी न्यायिक अधिकारी, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के सदस्य और पैरा लीगल वालंटियर्स (पीएलवी) मौजूद रहे। जनपद न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का सबसे बड़ा उद्देश्य न्याय को जन-जन तक पहुँचाना है। उन्होंने बताया कि आम लोगों में अब भी यह भ्रम है कि न्यायालय जाना लंबी और खर्चीली प्रक्रिया है। जबकि लोक अदालत में समझौते के आधार पर मामले शीघ्र निस्तारित हो जाते हैं और कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लिया जाता।
राष्ट्रीय लोक अदालत क्यों है खास?
राष्ट्रीय लोक अदालत को न्याय तक आसान पहुँच का सशक्त माध्यम माना जाता है। यहां पर दोनों पक्ष आपसी सहमति से अपने विवाद का निपटारा कर सकते हैं और न्यायालय का आदेश अंतिम एवं बाध्यकारी होता है। इससे न केवल लंबित मामलों में कमी आती है बल्कि आम जनता का भरोसा भी न्याय व्यवस्था में और अधिक मजबूत होता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि जन-जागरूकता वाहन आगामी दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी मोहल्लों में जाकर लोगों को 13 सितंबर को होने वाली लोक अदालत के बारे में जागरूक करेगा। वाहन के माध्यम से पंपलेट वितरण, ऑडियो मैसेज और जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग अपने मामलों का निस्तारण लोक अदालत में करा सकें।
न्यायपालिका की पहल
लोक अदालत न्यायपालिका की उस पहल का हिस्सा है जिसमें “सबको न्याय” के विचार को धरातल पर उतारा जा रहा है। इसके माध्यम से गरीब, वंचित और असहाय वर्ग के लोग बिना किसी अतिरिक्त बोझ के न्याय प्राप्त कर सकते हैं। विशेष रूप से बैंक और बिजली विभाग के लंबित मामलों का समाधान यहां तेजी से होता है।
जनपद न्यायाधीश ने अपील की है कि जिन लोगों के मुकदमे लंबित हैं, वे लोक अदालत का लाभ उठाकर अपने विवादों का समाधान समय रहते कराएं। यह न केवल उनके जीवन को सरल बनाएगा बल्कि न्यायालयों में लंबित वादों की संख्या कम करने में भी सहायक सिद्ध होगा।
ब्यूरो- रिपोर्ट राकेश दिवाकर/विपिन दिवाकर 9648518828
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