सड़क पर उतरे आक्रोशित परिजन, शव को सड़क पर रखकर घंटों किया चक्का जाम

सड़क पर उतरे आक्रोशित परिजन, शव को सड़क पर रखकर घंटों किया चक्का जाम
कौशांबी जनपद में सोमवार रात एक युवक की संदिग्ध मौत के बाद बुधवार सुबह माहौल तनावपूर्ण हो गया। परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर घंटों चक्का जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप है कि गांव के ही परिचित ने पैसे के लेन-देन के विवाद में युवक को घर से बुलाकर हत्या कर दी।
             मृतक के पत्नी व मासूम बच्चे 

क्या है मामला?

जानकारी के मुताबिक मृतक की पहचान रत्नेश कुमार (पुत्र पन्ना लाल, निवासी खिजिरपुर कैलई उर्फ इमलीगांव, थाना सरांय अकिल) के रूप में हुई है। रत्नेश अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ससुराल डिठूरा गांव, थाना पिपरी में रह रहा था।

मंगलवार देर रात करीब 10 बजे गांव के ही अभिषेक तिवारी पुत्र गुड्डू तिवारी कई बार रत्नेश को बुलाने आया और उसे साथ ले गया। इसके लगभग एक घंटे बाद रात 11 बजे रत्नेश की पत्नी के पास फोन आया कि उसके पति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है।

हत्या का आरोप

परिजनों ने एक्सीडेंट की कहानी को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका आरोप है कि रत्नेश ने कुछ समय पहले अभिषेक तिवारी को 85 हजार रुपये उधार दिए थे। जब उसने रकम वापस मांगी तो अभिषेक ने साजिश के तहत उसे घर से बुलाया और हत्या कर दी।

मृतक के पिता पन्ना लाल ने थाने में तहरीर दी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।

गुस्साए परिजन उतरे सड़क पर

पुलिस की कार्रवाई न होते देख बुधवार सुबह करीब 10 बजे परिजन और ग्रामीण शव को लेकर तिल्हापुर मोड़ चौराहे पर पहुंच गए। शव को सड़क पर रखकर उन्होंने घंटों तक चक्का जाम कर दिया।

जाम के कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और आमजन को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।

पुलिस और जनप्रतिनिधियों ने संभाला हालात
सूचना मिलते ही पिपरी पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन गुस्साए लोग कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। हालात बिगड़ते देख थानाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह, जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र कुमार पासी, नेपाल सिंह और अन्य जनप्रतिनिधि पहुंचे।

करीब एक घंटे की मशक्कत और आश्वासन के बाद परिजन माने। जाम समाप्त कराया गया और शव को घर भेजकर अंतिम संस्कार कराई गई।

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल

मृतक रत्नेश पांच बच्चों के पिता थे। चार बेटियां और एक बेटा। बड़ी बेटी प्रतीक्षा, जिसकी उम्र करीब 11 साल है, पिता की मौत से बेसुध होकर रोती रही। सबसे छोटा बेटा अभी मात्र आठ माह का है। वही पिता की मौत से सभी बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।

रत्नेश की पत्नी और परिजन पुलिस प्रशासन के सामने हाथ जोड़कर न्याय की गुहार लगाते रहे। उनका कहना है कि यह सड़क हादसा नहीं बल्कि योजनाबद्ध हत्या है।

ग्रामीणों में रोष

घटना के बाद से ग्रामीणों और रिश्तेदारों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी होती तो परिजनों को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन नहीं करना पड़ता।

पुलिस का बयान

थानाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि परिजनों की तहरीर दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जाएगी।

न्याय की मांग पर डटे परिजन

मृतक के पिता पन्ना लाल ने साफ कहा कि उनका बेटा एक्सीडेंट में नहीं बल्कि योजनाबद्ध तरीके से मारा गया है।

अब देखना यह है कि जांच से क्या सच्चाई निकलकर सामने आती है। और क्या रत्नेश के मासूम बच्चों व परिजनों को न्याय मिलेगा ।

ब्यूरो- राकेश दिवाकर (विश्व सहारा हिंदी दैनिक) 9648518828

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