जर्जर भवन और गंदे शौचालयों में पढ़ने को मजबूर मासूम, मैनापुर संविलियन विद्यालय की खस्ताहाली उजागर

जर्जर भवन और गंदे शौचालयों में पढ़ने को मजबूर मासूम, मैनापुर संविलियन विद्यालय की खस्ताहाली उजागर
             शौचालय की बदहाल व्यवस्था 

प्रयागराज। विकासखंड भगवतपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत मैनापुर स्थित संविलियन विद्यालय की हालत बेहद दयनीय है। जर्जर भवन, टूटती छतें और गंदगी से भरे शौचालय यहाँ पढ़ने वाले नन्हें-मुन्नों बच्चों की सुरक्षा और सेहत पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय में न सिर्फ पठन-पाठन की स्थिति खराब है बल्कि मिड-डे मील (एमडीएम) योजना में भी भारी धांधली की जा रही है।
                    शिकायतकर्ता 

ग्रामीण बोले–न पढ़ाई सही, न मिड-डे मील

गाँव के निवासी जितेंद्र कुमार भारतीय ने बताया कि विद्यालय की व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। “बच्चों को तय मीनू के हिसाब से भोजन नहीं मिलता। हमने कई बार इसकी मौखिक शिकायत भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।” वही जब कुछ और
अभिभावकों से चर्चा की गई तो वे खुलकर बोलने से बचते रहे हैं, और कहा कि शिकायत करने पर बच्चों पर दबाव बनाया जाता है।
              गेट के बाहर खेलते बच्चे

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हाजिरी रजिस्टर और पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति में भारी अंतर रहता है। बच्चों की उपस्थिति कम होने के बावजूद आँकड़े बढ़ाकर दिखाए जाते है  जब मीडिया के लगभग 12:30 बजे विद्यालय पहुंचे तो कई बच्चे बाहर खेलते दिखाई दिए। अब सवाल यह उठता है  कि यमुना किनारे बना यह विद्यालय है और इन दिनों यमुना उफान पर है और यदि बच्चे यमुना किनारे खेलने चले गए और पैर फिसल कर गिर जाए तो बड़ा हादसा भी हो सकता है। लोगों का  कहना है कि एमडीएम मीनू के अनुसार खाना नहीं बन रहा। सब्जी बिना प्याज और कम तेल में पकाई जाती है। सोमवार को रोटी की जगह चावल परोसा जाता है। बच्चों को दूध भी नाम मात्र का दिया जाता है।

जर्जर भवन और गंदे शौचालय से परेशान बच्चे

विद्यालय भवन की दीवारें टूटी हुई हैं, छत से सरिया दिखाई पड़ रहा है प्लास्टर उखड़ रहा और कई जगह पानी टपक रहा है। एक भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है।
विद्यालय में बने शौचालयों की हालत बेहद खराब दिखाई पड़ी। इस पर भी प्रधानाध्यापिका से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा हफ्तों में एकाद दिन ही सफाई कर्मी आता है इसलिए शौचालय में गंदगी फैली है। सफाईकर्मी न आने के कारण गंदगी का अंबार लगा है। बच्चों को मजबूरी में गंदे शौचालय इस्तेमाल करने पड़ते हैं।
                खुले आसमान के नीचे 

सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा

कक्षा के समय बच्चे गेट के बाहर और विद्यालय परिसर में घूमते नजर आते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय के ठीक पीछे यमुना नदी बह रही है, जो इस समय उफान पर है। ऐसे में यदि कोई बच्चा नदी की ओर चला जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है।

मीडिया विज़िट पर उजागर हुई स्थिति

सोमवार को मीडिया टीम के पहुँचने पर हालात साफ हो गए। लंच के 1 घंटे बाद बच्चों को फल मंगाया गया। ग्राम प्रधान से भी जब विद्यालय के बारे में फोन  पर बात की गई तो ग्राम प्रधान ने भी माना कि विद्यालय में कई गड़बड़ियाँ हैं। ग्रामीण बोले कि रोज़ाना बच्चों को न तो समय से एमडीएम मिलता है और न ही फल वितरण होता है।

बीएसए बोले–जांच कराई जाएगी

इस मामले में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) से बात की गई तो उन्होंने कहा, “मामले की शिकायत मेरे संज्ञान में अभी तक नहीं आई है। यदि ऐसा है तो जांच कराई जाएगी। और आरोप सही पाए गए तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

मैनापुर का संविलियन विद्यालय सरकार की मंशा और शिक्षा विभाग की नीतियों के विपरीत काम करता दिखाई दे रहा है। जर्जर भवन, गंदे शौचालय और एमडीएम में गड़बड़ी बच्चों की शिक्षा ही नहीं बल्कि उनकी जान पर भी भारी पड़ रही है। अब देखना यह है कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होती है या मामला कागज़ों में ही दबकर रह जाता है।

चीफ एडिटर-राकेश दिवाकर 
        9454139866


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