पराली जलाने पर 16 किसानों पर 60 हजार का जुर्माना, तीन हार्वेस्टर जब्त
पर्यावरण संरक्षण के लिए सैटेलाइट निगरानी, पराली जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई जारी
कौशांबी । पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। उप कृषि निदेशक सतेन्द्र कुमार तिवारी ने जानकारी दी कि शासन के निर्देशों के तहत सैटेलाइट से मिली रिपोर्ट के आधार पर जनपद में 16 किसानों को पराली जलाने का दोषी पाया गया है। इन पर कुल 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, नियमों का उल्लंघन करने वाले तीन कम्बाइन हार्वेस्टर को भी जब्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ते हैं, इसलिए कृषि, राजस्व, पंचायतीराज और पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार समीक्षा की जा रही है। प्रत्येक विकास खंड, तहसील और जनपद स्तर पर विशेष टीमें गठित की गई हैं जो पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रख रही हैं। साथ ही सैटेलाइट के माध्यम से भी खेतों पर नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी घटना पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
उप कृषि निदेशक ने किसानों से अपील की कि वे पराली न जलाएं बल्कि उसे गोशालाओं में दान करें। इसके लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि ग्राम प्रधानों के माध्यम से पराली को गोशालाओं में संरक्षित कराया जाए।
उन्होंने बताया कि जनपद के सभी कम्बाइन हार्वेस्टर स्वामियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी मशीनों में सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) लगाकर ही कटाई करें, अन्यथा मशीनें सीज की जाएंगी और जुर्माना लगाया जाएगा।
सरकार द्वारा भूमि के आकार के अनुसार जुर्माने के मानक भी तय किए गए हैं — दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों पर 2500 रुपये, दो से पाँच एकड़ तक के किसानों पर 5000 रुपये और पाँच एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों पर 15000 रुपये प्रति घटना के अनुसार कार्रवाई होगी।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई किसान पराली जलाता पाया गया तो उसकी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किश्त रोक दी जाएगी और सरकारी क्रय केंद्रों पर उसका धान नहीं खरीदा जाएगा। प्रशासन ने साफ कहा है कि पराली जलाने वालों पर अब किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
रिपोर्ट- विपिन दिवाकर/दीपू दिवाकर
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