युवक ने दो महीने पहले की कोर्ट मैरिज, लेकिन रिश्तों की उलझन ने ले ली जान
कौशांबी। थाना चरवा क्षेत्र के काजू गांव के मजरा रामदयालपुर में मंगलवार सुबह जय बाबू पुत्र धर्मपाल उम्र लगभग 30 वर्ष ने दो नली लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली सीधे गले पर सटा कर चलाई गई, जिससे सिर के चिथड़े उड़ गए और मौके पर ही युवक की मौत हो गई। घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। माता-पिता व परिजनों का रो-रोकर बेहाल हैं। इस घटना से गांव में भी सनसनी फैल गई। घटना के बारे में जब उनकी भाभी अंजू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 2 माह पहले ही गांव की युवती करिश्मा से कोर्ट मैरिज किया था।
मृतक युवक दिल्ली में रहकर एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। परिजनों के अनुसार वह सुबह करीब 6 बजे ही दिल्ली से घर आया था। सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन कुछ घंटों बाद उसने जीवन खत्म करने का कदम उठा लिया। और अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया। परिजनों का कहना है कि युवक मानसिक तनाव में था, जिसका कारण उसकी शादी और उससे जुड़े विवाद थे।
परिजनों और ग्रामीणों के मुताबिक युवक का गांव की ही एक युवती से प्रेम संबंध था। करीब दो महीने पहले दोनों ने कोर्ट मैरिज की थी और दिल्ली में साथ रहने लगे थे। लेकिन युवती का अतीत इस रिश्ते पर भारी पड़ गया। परिजनों के अनुसार युवती की लगभग पाँच वर्ष पहले फतेहपुर जिले के छीमी पुरैन गांव निवासी पंकज सिंह से शादी हुई थी। उसे छोड़कर उसने अपने प्रेमी गांव के युवक जय बाबू से शादी की, लेकिन शादी के बाद भी वह पहले पति से बात करती रहती थी।
यही बात युवक को अंदर ही अंदर तोड़ रही थी। परिजनों ने बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से बेहद चुप रहने लगा था और तनाव में दिख रहा था। शादी के बाद पत्नी के दो रिश्तों के बीच फँसकर वह खुद को असहाय महसूस कर रहा था। तनाव ने आखिरकार उसे अपनी जान लेने पर मजबूर कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही चरवा थाना पुलिस मौके पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है। थाना प्रभारी का कहना है कि परिजनों की ओर से अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद परिवार में मातमी सन्नाटा पसरा है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और कॉल रिकॉर्ड के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों पर पूरी तरह से पर्दा उठेगा। फिलहाल परिवार इस सदमे से उबर नहीं पा रहा है और गांव का हर चेहरा यही कह रहा है—
"दिल टूटे तो दर्द दिखता है, लेकिन कुछ दर्द जान ले लेते हैं…"
चीफ एडिटर-राकेश दिवाकर/विपिन दवाकर
9648518828
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