गार्डनिंग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं, माली प्रशिक्षण कार्यक्रम का खुसरोबाग में हुआ शुभारंभ

गार्डनिंग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं, माली प्रशिक्षण कार्यक्रम का खुसरोबाग में हुआ शुभारंभ
विशेषज्ञों ने दिए तकनीकी गुर, कम लागत में बड़ा व्यवसाय आरंभ करने पर किया मार्गदर्शन

प्रयागराज। औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र, खुसरोबाग प्रयागराज में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत सोमवार को माली (गार्डनर) प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उदघाटन सत्र में मुख्य उद्यान विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने प्रतिभागियों को गार्डनिंग के क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार की व्यापक संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया।

डॉ. सिंह ने कहा कि गार्डनिंग ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कम लागत में बड़ा और स्थायी व्यवसाय स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में बागवानी से जुड़े विभिन्न सेक्टर्स तेजी से विस्तार कर रहे हैं। चाहे नए गार्डन का विकास हो, पुष्प व्यवसाय (फ्लोरिकल्चर), नर्सरी संचालन, किचन गार्डन या फिर लैंडस्केपिंग—हर क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर मौजूद हैं।

उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रतिभागी अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, साथ ही बागवानी के प्रति बढ़ती रुचि रोजगार के नए द्वार खोल रही है। शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में गार्डनिंग सेवाओं की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे युवा बड़े पैमाने पर इसका लाभ उठा सकते हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में अजय श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष सरला स्मृति संस्थान लखनऊ, ने प्रतिभागियों को जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट) के उत्पादन एवं भंडारण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट फूल, फल और सब्जी जैसी फसलों के लिए अत्यंत उपयोगी है और यह जैविक खेती के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन की तकनीक और प्रायोगिक विधियों की जानकारी भी दी, जिससे प्रतिभागी स्वयं इसका उत्पादन कर बेहतर आय अर्जित कर सकें।

इसके बाद केंद्र के उद्यान निरीक्षक संदीप सिंह ने उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, अनुदानों एवं उनके आवेदन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि सरकार की कई योजनाएं युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलती हैं, जिन्हें सही दिशा-निर्देश के साथ अपनाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना जा सकता है।

साथ ही केंद्र के विवेक श्रीवास्तव, अमित सिंह आदि विशेषज्ञों ने भी पौध उत्पादन, नर्सरी प्रबंधन, गार्डन डिज़ाइनिंग, रोग एवं कीट प्रबंधन सहित कई महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियाँ साझा कीं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, भदोही, चित्रकूट, बांदा, ललितपुर सहित विभिन्न जिलों से आए 50 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षण प्रभारी वी.के. सिंह द्वारा किया गया।

बागवानी एवं उद्यानिकी के प्रति युवाओं की बढ़ती रुचि को देखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बेहद उपयोगी माना जा रहा है, जो आने वाले समय में स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
 प्रयागराज ब्यूरो-अभिषेक चौधरी व राज की रिपोर्ट - 91254 74287

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