माघ मेला 2026 में भीड़ और आपदा से निपटने को लेकर 26 जनपदों का महा-मंथन कोबरा ऑडिटोरियम में हुई संगोष्ठी
प्रयागराज। माघ मेला 2026 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुचारु व्यवस्था एवं किसी भी संभावित आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 22 एवं 23 दिसंबर 2025 को कोबरा ऑडिटोरियम, न्यू कैंट, प्रयागराज में राज्य स्तरीय संगोष्ठी सह टेबलटॉप एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रदेश के 26 जनपदों के प्रशासनिक, पुलिस, अग्निशमन, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी प्रतिभाग कर रहे हैं।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य माघ मेला जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में भीड़ प्रबंधन को सुदृढ़ बनाना तथा डूबना, शीतलहर एवं अग्नि दुर्घटना जैसी संवेदनशील आपदाओं से निपटने हेतु विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। पहले दिन तकनीकी सत्रों के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा अपने अनुभव, केस स्टडी एवं बेस्ट प्रैक्टिस साझा किए गए, जबकि दूसरे दिन विभिन्न जनपदों के अधिकारियों के साथ वास्तविक परिस्थितियों पर आधारित टेबलटॉप एक्सरसाइज आयोजित की जा रही है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी (सेवानिवृत्त) एवं लेफ्टिनेंट जनरल पी.एस. शेखावत, जीओसी मध्य भारत एरिया ने की। इस अवसर पर मंडलायुक्त श्रीमती सौम्या अग्रवाल, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, मेला अधिकारी ऋषिराज सहित पुलिस विभाग, भारतीय सेना, भारतीय रेलवे, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा 26 जनपदों—प्रयागराज, अयोध्या, फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, चित्रकूट, बांदा, महोबा, झांसी, जालौन, ललितपुर, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, कानपुर नगर, कानपुर देहात, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बाराबंकी, उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, फतेहपुर सीकरी, शाहजहांपुर एवं चित्रकूट—के अधिकारी उपस्थित रहे।
तकनीकी सत्र के दौरान पुलिस विभाग द्वारा भीड़ की गतिशीलता, संभावित जोखिम कारकों एवं भीड़ प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों पर केस स्टडी प्रस्तुत की गई। यूपीएसडीएमए द्वारा इन्सिडेंट रिस्पांस सिस्टम की उपयोगिता, अग्निशमन विभाग द्वारा आग की घटनाओं की रोकथाम व त्वरित प्रतिक्रिया, एनडीआरएफ द्वारा डूबने की घटनाओं से बचाव एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा शीतलहर से निपटने की तैयारियों पर व्याख्यान दिए गए। इन सत्रों ने प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन की व्यवहारिक समझ प्रदान की।
द्वितीय सत्र में जनपद प्रयागराज द्वारा माघ मेला के लिए की गई भीड़ प्रबंधन एवं सुरक्षा तैयारियों की विस्तृत प्रस्तुति दी गई। साथ ही हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर एवं मथुरा जनपदों के अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार बेहतर योजना और समन्वय से बड़े आयोजनों को सुरक्षित रूप से संपन्न कराया जा सकता है।
विशेष उद्बोधन में पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश राजीव कृष्ण ने कहा कि भीड़ प्रबंधन केवल कानून व्यवस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह वैज्ञानिक योजना, जोखिम आकलन, बहु-विभागीय समन्वय और त्वरित निर्णय क्षमता पर आधारित एक समग्र प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि माघ मेला जैसे आयोजनों में इस तरह के अभ्यास फील्ड स्तर पर कार्यरत अधिकारियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।
उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने कहा कि भीड़ प्रबंधन योजना बनाते समय खतरे, जोखिम और नाजुक परिस्थितियों को समझना अत्यंत आवश्यक है। यह संगोष्ठी नीति, योजना और फील्ड स्तर पर क्रियान्वयन के बीच सेतु का कार्य करेगी। मंडलायुक्त श्रीमती सौम्या अग्रवाल ने इसे प्रदेश की आपदा प्रबंधन क्षमता को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताया।
कार्यक्रम का संचालन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार कर्नल संदीप मेहरोत्रा द्वारा किया गया, जबकि समन्वय प्रवीण किशोर एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, प्रयागराज द्वारा किया जा रहा है।
ब्यूरो रिपोर्ट- राकेश दिवाकर/अभिषेक चौधरी
9648518828, 9454139866
एक टिप्पणी भेजें