राष्ट्रीय लोक अदालत में न्याय का उत्सव, 2.27 लाख से अधिक वादों का रिकॉर्ड निस्तारण

राष्ट्रीय लोक अदालत में न्याय का उत्सव, 2.27 लाख से अधिक वादों का रिकॉर्ड निस्तारण
प्रयागराज। न्याय को आमजन तक सरल, सुलभ और त्वरित रूप से पहुंचाने के उद्देश्य से शनिवार को जनपद प्रयागराज में राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रयागराज के तत्वावधान में यह आयोजन जनपद न्यायालय परिसर सहित जिले की सभी तहसीलों में प्रातः 10 बजे से शुरू हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति, प्रयागराज श्री शेखर बी. सर्राफ द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके उपरांत माननीय जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रयागराज श्री सत्य प्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में लोक अदालत की विधिवत कार्यवाही प्रारंभ हुई।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2,27,876 वादों का रिकॉर्ड निस्तारण किया गया, जिससे वर्षों से लंबित मामलों से जूझ रहे हजारों वादकारियों को बड़ी राहत मिली। स्वयं माननीय जनपद न्यायाधीश श्री सत्य प्रकाश त्रिपाठी द्वारा दो सिविल वादों का निस्तारण किया गया। वहीं, फौजदारी मामलों में कुल 11,519 वादों का निपटारा आपसी सहमति और समझौते के आधार पर हुआ।

लोक अदालत में पारिवारिक न्यायालय की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। पारिवारिक न्यायालय द्वारा कुल 72 वादों का निस्तारण आपसी सुलह-समझौते से किया गया। इसके साथ ही माननीय जनपद न्यायाधीश प्रयागराज द्वारा 13 दंपतियों के बीच पारिवारिक विवाद सुलझाते हुए उन्हें पुनः एक साथ रहने के लिए राजी किया गया। इस भावुक क्षण में दंपतियों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर अपने नए जीवन की शुरुआत की, जिससे न्यायालय परिसर भावनात्मक वातावरण से भर उठा।

मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में भी बड़ी संख्या में मामलों का निस्तारण किया गया। उत्तरी पीठ के पीठासीन अधिकारी श्री पर्वेंद्र कुमार शर्मा द्वारा 310 वादों, जबकि दक्षिणी पीठ के पीठासीन अधिकारी श्री निकुंज मित्तल द्वारा 112 वादों का निस्तारण किया गया। कमर्शियल कोर्ट के पीठासीन अधिकारी श्री सुदामा प्रसाद द्वारा एक वाद का निपटारा किया गया। भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों में पीठासीन अधिकारी श्री कृष्ण स्वरूप धर द्विवेदी द्वारा छह वादों का समाधान कराया गया।

ईसी एक्ट के अंतर्गत अपर जनपद न्यायाधीश श्री राहुल सिंह द्वारा विद्युत विभाग से जुड़े 602 मामलों का निस्तारण किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती त्रिशा मिश्रा द्वारा 5,857 वाद, रेलवे मजिस्ट्रेट श्री विनय कुमार जायसवाल द्वारा 2,180 वाद तथा अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-2 श्री अरुण कुमार यादव द्वारा 1,057 वादों का निस्तारण किया गया।

राजस्व न्यायालयों में भी लोक अदालत का व्यापक असर देखने को मिला, जहां कुल 1,27,064 वादों का निस्तारण किया गया। इसके अलावा बैंकों से जुड़े प्री-लिटिगेशन के 1,776 मामलों का भी समाधान कराया गया, जिससे बैंक और उपभोक्ता दोनों को राहत मिली।

संपूर्ण आयोजन का सफल संचालन नोडल अधिकारी एवं अपर जिला जज श्री रविकांत-द्वितीय के निर्देशन में किया गया। उनके मार्गदर्शन में विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर लोक अदालत को सफल बनाया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रयागराज के सचिव एवं अपर जिला जज श्री दिनेश कुमार गौतम ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को त्वरित, सस्ता और प्रभावी न्याय उपलब्ध कराना है। इस आयोजन से न केवल न्यायालयों पर लंबित मामलों का बोझ कम हुआ, बल्कि लोगों का समय, धन और श्रम भी बचा।

राष्ट्रीय लोक अदालत का यह आयोजन प्रयागराज में त्वरित न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम साबित हुआ, जिसने आमजन में न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास को और मजबूत किया।

  चीफ एडिटर राकेश दिवाकर 9648518828,9454139866

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