खादी और ग्रामोद्योग से आत्मनिर्भर गांव, रोजगार का मजबूत आधार
लखनऊ, 17 दिसम्बर 2025
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई खादी एवं ग्रामोद्योग विकास सतत रोजगार प्रोत्साहन नीति ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हो रही है। वर्ष 2017-18 में पहली बार लागू की गई इस नीति का उद्देश्य खादी एवं ग्रामोद्योगों को बढ़ावा देकर गांवों में स्थायी रोजगार के अवसर सृजित करना और लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है। नीति के माध्यम से पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करते हुए उद्योगों की स्थापना तथा रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
इस नीति के अंतर्गत अवस्थापना सुविधाओं का विकास, उद्योग और व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना, एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से समयबद्ध सहायता प्रदान करना, ‘मेक इन यूपी’ को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना तथा विपणन के लिए ब्रांडिंग, पैकेजिंग, प्लाजा एवं ऑनलाइन मार्केटिंग जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। साथ ही खादी एवं ग्रामोद्योगों के लिए शोध, मानकीकरण एवं गुणवत्ता नियंत्रण के कार्य भी निरंतर किए जा रहे हैं, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ सके।
खादी उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सोलर चर्खा वितरण एवं प्रशिक्षण योजना संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत कत्तिनों को प्रशिक्षण देकर निःशुल्क सोलर चर्खा उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे गुणवत्तायुक्त खादी उत्पादन के साथ उनकी आय में वृद्धि हो रही है। विगत सात वर्षों में 5832 कत्तिनों को सोलर चर्खा वितरित किए गए, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 11,664 लोगों को रोजगार मिला है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1000 और कत्तिनों को सोलर चर्खा उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए दोना-पत्तल मेकिंग मशीन वितरण योजना भी प्रभावी साबित हो रही है। वर्ष 2018-19 से 2024-25 तक 2029 लाभार्थियों को निःशुल्क टूलकिट्स प्रदान कर 6087 लोगों को रोजगार से जोड़ा गया। इसी तरह पॉपकार्न मेकिंग मशीन वितरण योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक 2024 लाभार्थियों को टूलकिट्स देकर 6072 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इन योजनाओं के तहत हजारों नए लाभार्थियों को जोड़ा जा रहा है।
जनपद मथुरा में तुलसी माला मेकिंग मशीन का निःशुल्क वितरण भी ग्रामीण रोजगार सृजन का एक सफल उदाहरण है। भारत सरकार के RUTkG मिशन के तहत विकसित इस मशीन से तकनीक आधारित ग्रामोद्योग को बढ़ावा मिला है और वर्ष 2024-25 में 195 अभ्यर्थियों को लाभान्वित किया गया।
इसके साथ ही उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए ग्रामोद्योग समाधान सेल की स्थापना की गई है। मुख्यालय एवं जनपद स्तर पर स्थापित इस व्यवस्था के माध्यम से वेब पोर्टल और मोबाइल एप के जरिए उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा रहा है। कुल मिलाकर, खादी और ग्रामोद्योग नीति प्रदेश के गांवों को आत्मनिर्भर बनाते हुए रोजगार का मजबूत आधार तैयार कर रही है।
चीफ एडिटर- राकेश दिवाकर 9648518828,9454139866
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