स्वास्थ्य और संवेदनशीलता की कसौटी, जिलाधिकारी ने एसएनसीयू, एनआरसी वार्ड व रैन बसेरा में जांची जमीनी व्यवस्था
कौशाम्बी। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति और शीतकाल में जनसुविधाओं की उपलब्धता परखने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ने स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट), एनआरसी (न्यूट्रिशन रिहैबिलिटेशन सेंटर) वार्ड एवं रैन बसेरा का निरीक्षण कर जमीनी व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
एसएनसीयू वार्ड के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने नवजात शिशुओं के उपचार, बेड क्षमता एवं उपलब्ध उपकरणों की जानकारी ली। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी एवं उप प्राचार्य को निर्देशित किया कि राज्य स्तर पर एनएचएम से पत्राचार कर बेड की संख्या बढ़ाई जाए तथा आवश्यक चिकित्सीय उपकरणों की अविलंब खरीद सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने चिकित्सकों से कहा कि नवजातों को समय पर बेहतर इलाज और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इसके पश्चात जिलाधिकारी ने एनआरसी वार्ड का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने भर्ती कुपोषित बच्चों की स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिए कि बच्चों को शासन द्वारा अनुमन्य सभी सुविधाएं पूरी संवेदनशीलता के साथ उपलब्ध कराई जाएं। ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त हीटर लगाने, वार्ड की साफ-सफाई सुदृढ़ रखने तथा आवश्यकता अनुसार बेड बढ़ाने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने बच्चों के परिजनों से बातचीत कर उपचार व्यवस्था एवं सुविधाओं की भी जानकारी प्राप्त की।
निरीक्षण के अंतिम चरण में जिलाधिकारी ने रैन बसेरा का जायजा लिया। उन्होंने केयर टेकर से 22 दिसंबर 2025 को रैन बसेरा में ठहरने वाले लोगों की संख्या के बारे में जानकारी ली और पंजिका का अवलोकन किया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ठंड को देखते हुए रैन बसेरा में रुकने वाले निराश्रित एवं जरूरतमंद लोगों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित की जाएं।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार, उप प्राचार्य सौरभ मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट- राकेश दिवाकर/दीपू दिवाकर (विश्व सहारा हिंदी दैनिक) व Bharat TV Gramin
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